बिहार विधानसभा अध्यक्ष बने डॉ. प्रेम कुमार 
बिहार

'सदन संचालन संबंधी नियमों का पालन सुनिश्चित करूंगा' बोले विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार

नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया

पटना : बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने मंगलवार को सदन में अपने अभिभाषण के दौरान सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना जाना न केवल व्यक्तिगत विश्वास का प्रतीक है, बल्कि संसदीय शिष्टाचार और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति सदन की प्रतिबद्धता भी दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि 18वीं बिहार विधानसभा का गठन ऐसे समय में हुआ है जब राज्य विकास की नयी आकांक्षाओं के साथ एक नए अध्याय में प्रवेश कर रहा है। जनता ने ऐतिहासिक जनमत देकर स्पष्ट किया है कि वे संवाद, समाधान, सहयोग और विकास की राजनीति को प्राथमिकता देती है।

डॉ. कुमार ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में उनका पहला दायित्व होगा कि संविधान और सदन संचालन संबंधी नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक सदस्य को सम्मानपूर्वक अपने विचार रखने का अवसर दिया जाए।

उन्होंने कहा, वाद-विवाद का सार्थक परिणाम बिहार के भविष्य को और अधिक उज्ज्वल बनाएगा। महात्मा गांधी ने कहा था-भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम आज क्या करते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वसम्मति से चुने जाने को गौरव और उससे बढ़कर उत्तरदायित्व का प्रतीक करार दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सुंदरता विविध विचारधाराओं के बीच सार्थक चर्चा में निहित है और जनता की इच्छा है कि बिहार तेजी से विकसित हो, पारदर्शी ढंग से संचालित हो तथा विधायिका के निर्णय जनता के जीवन को सहज, सुरक्षित और समृद्ध बनाएं।

डॉ. कुमार ने कहा, लोकतंत्र की शक्ति उसके जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता और सदन की मर्यादा में निहित होती है। इसलिए हमें संवाद के पुल बनाते हुए असहमति को भी सम्मान देना होगा।

नयी विधानसभा को नयी ऊर्जा और नये संकल्पों का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि परंपराएं गरिमा देती हैं और नवाचार दिशा, दोनों के समन्वय से ही आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय कार्यकाल स्थापित किया जा सकता है। विचारों का टकराव स्वाभाविक है, परंतु मन और तन का संघर्ष कभी नहीं होना चाहिए।

डॉ. कुमार ने आश्वस्त किया कि अध्यक्ष के रूप में सरकार और विपक्ष दोनों उनके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने वरिष्ठ सदस्यों से मार्गदर्शन, अनुभवी सदस्यों से सहयोग और नव-निर्वाचित सदस्यों से ऊर्जा और नयी दृष्टि की अपेक्षा व्यक्त की।

सदन के आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वे आधुनिक संसदीय प्रथाओं, डिजिटल विधायी प्रक्रियाओं और ई-गवर्नेंस आधारित सुधारों को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने पूर्व अध्यक्ष के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विधानसभा डिजिटल विधायी संस्था के रूप में विकसित हो पाई है। अब समय है कि बिहार विधानसभा स्मार्ट लेजिस्लेटिव गवर्नेंस का मॉडल बने।

अंत में उन्होंने कहा कि वे पूर्ण निष्पक्षता, अनुशासन और संवाद की संस्कृति को बनाए रखते हुए सदन का संचालन करेंगे। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के शब्द उद्धृत करते हुए कहा, केवल वे ही जीवित रहते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।

डॉ. कुमार ने सभी सदस्यों से आह्वान किया कि मिलकर इस कार्यकाल को जनहितकारी नीतियों और लोकतांत्रिक व्यवहार का 'स्वर्णिम अध्याय' बनाया जाए।

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