पटना : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा द्वारा ‘हिंदू राष्ट्र’ की वकालत उनकी व्यक्तिगत राय थी जिससे देश की आबादी का एक हिस्सा सहमत है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष ने हालांकि स्पष्ट किया कि देश ‘संविधान से’ चलेगा और उन्होंने बाबा को लेकर विपक्ष की आलोचना को ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति बताकर खारिज कर दिया।
पासवान ने कहा, बिहार में बागेश्वर बाबा ने जो कहा है, उसे वह पहले भी कई बार कह चुके हैं। यह देश की आबादी के एक वर्ग की निजी राय है। धार्मिक नेताओं की यह इच्छा स्वाभाविक है कि राजनीति उनके विश्वास के अनुसार चले, और इन धार्मिक नेताओं के अनुयायी भी यही विचार रखते हैं। हाजीपुर से लोकसभा सदस्य ने कहा, लेकिन देश संविधान से चलेगा। परंतु मैं यह बताना चाहूंगा कि यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के नेतृत्व में विपक्ष विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि यह उनकी तुष्टिकरण की राजनीति के अनुकूल है।
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई राजनीतिक दलों के लिए हिंदुओं का कोई भी उल्लेख शोर मचाने का अवसर बन जाता है। इन दलों को यह महसूस करना चाहिए कि वे धार्मिक आधार पर असंतुलन को जन्म दे रहे हैं। बिहार विधानसभा में भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा था कि अगर मुसलमानों को होली के दौरान हिंदुओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों से परेशानी है तो वे ‘घर के अंदर रहें’। इस टिप्पणी की तेजस्वी यादव ने आलोचना की थी और कहा था कि बिहार पर बचौल के ‘बाप का राज नहीं है’। इस प्रकरण पर लोजपा प्रमुख ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘हां, यह किसी के बाप का राज नहीं है। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि सब उनके परिवार का है।