बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 
बिहार

बिहार : नीतीश ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर लगाया मुस्लिमों को ‘वोट बैंक’ समझने का आरोप

कुछ लोग अपने-आप को मुस्लिम समुदाय का हितैषी बताने में जुट गए

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के नेताओं पर खुद को मुसलमानों का हितैषी बताकर उन्हें सिर्फ ‘वोट बैंक’ समझने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने ‘X’ पर पोस्ट कर कहा, अब बिहार विधानसभा चुनाव के समय में कुछ लोग फिर से अपने-आप को मुस्लिम समुदाय का हितैषी बताने में जुट गए हैं। ये सब छलावा है। सिर्फ मुस्लिम वर्ग के लोगों का वोट हासिल करने के लिए तरह-तरह के लालच और हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जबकि उन्हें किसी तरह की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी देने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हमलोगों की सरकार में आज मुस्लिम समाज के लोगों को उनका पूरा हक मिल रहा है। बिना किसी भेदभाव के उन्हें हर क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व मिल रहा है, जबकि पूर्ववर्ती की सरकारों ने मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिये किया और उन्हें कोई हिस्सेदारी नहीं दी।

मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा, आप लोग किसी भ्रम में नहीं रहें। हमारी सरकार ने जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिए और उसी आधार पर तय कीजिए कि अपना वोट किसे देना है।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए उन्होंने कहा, 24 नवंबर 2005 को जब हमलोगों की सरकार बनी तब से मुस्लिम समुदाय के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। 2025-26 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट में 306 गुणा की वृद्धि करते हुए 1080.47 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा, राज्य में सांप्रदायिक घटनायें नहीं हो उसके लिये 2006 से संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू की गयी। अब तक आठ हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गयी है। मुस्लिम समाज के परामर्श से 1,273 और कब्रिस्तानों को घेराबंदी के लिये चिह्नित किया गया जिसमें 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी पूर्ण हो गयी है और शेष का काम शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा।

जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख ने कहा, विपक्षी दलों की जब सरकार थी तो 1989 में भागलपुर में साम्प्रदायिक दंगे हुये। दंगा रोकने में सरकार विफल रही और साम्प्रदायिक दंगा पीड़ितों के लिये पूर्ववर्ती सरकारों ने कुछ नहीं किया। जब हम लोगों को सेवा का मौका मिला तो भागलपुर साम्प्रदायिक दंगा की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी और दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिया गया।

उन्होंने दावा, दंगा प्रभावित परिवारों को पेंशन के रूप में भी मदद दी जा रही है। पहले कितना हिन्दू-मुस्लिम झगड़ा होता था, अब आज कोई झगड़ा नहीं होता है।

कुमार ने कहा, वर्ष 2006 से मदरसों का निबंधन किया गया तथा उन्हें सरकारी मान्यता दी गयी। मदरसा के शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा मुस्लिम परित्यक्ता/ तलाकशुदा महिलाओं को रोजगार देने के लिये 2007 से 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाने लगी जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, मुस्लिम समुदाय के लिये तालीमी मरकज और हुनर जैसी उपयोगी योजनायें चलायी गयीं। मुस्लिम वर्ग के छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के लिये छात्रवृत्ति, मुफ्त कोचिंग, छात्रावास, अनुदान आदि योजनाएं हैं। युवाओं को अपना रोजगार शुरू करने के लिये उद्यमी योजना का लाभ दिया जा रहा है।

SCROLL FOR NEXT