पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस, RJD और वामदलों के बीच जारी आंतरिक मतभेद के कारण ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस’ (INDIA) गठबंधन के घटक दल राज्य की कम से कम 11 विधानसभा सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
RJD और कांग्रेस नेताओं के अनुसार जिन विधानसभा क्षेत्रों में विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं, उनमें नरकटियागंज, वैशाली, राजापाकर, रोसड़ा, बछवाड़ा, कहलगांव, बिहारशरीफ, करगहर, गौड़ाबोराम, चैनपुर और सिकंदरा शामिल हैं।
कांग्रेस इस बार 61 सीट पर चुनाव लड़ रही है जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में नौ सीट कम हैं, जबकि राजद ने 143 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। CPI नौ सीट पर, CPI(ML) 20 सीट पर और CPI (Marxist)) चार सीट पर चुनाव लड़ रही है। CPI(ML) लिबरेशन ने 2020 के चुनाव में ‘महागठबंधन’ के भीतर सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। CPI(ML) लिबरेशन ने तब 19 में से 12 सीट पर जीत दर्ज की थी।
नरकटियागंज सीट पर कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय का मुकाबला राजद के दीपक यादव से होगा, जबकि वैशाली में कांग्रेस के संजीव सिंह और राजद के अजय कुमार कुशवाहा आमने-सामने हैं।
राजापाकर में कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी दास का सामना CPI के मोहित पासवान से होगा, वहीं बछवाड़ा में कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास और भाकपा के अभदेश कुमार राय के बीच सीधी टक्कर है।
बिहारशरीफ सीट पर कांग्रेस के उमैर खान और CPI के शिव कुमार यादव के बीच मुकाबला रहेगा जबकि गौड़ाबोराम सीट पर RJD के अफजल अली खान और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के संतोष मांझी आमने सामने हैं।
वहीं, बाबूबरही में VIP की बिंदु गुलाब यादव और RJD के अरुण कुशवाहा, चैनपुर में RJD के बृजकिशोर बिंद और VIP के बाल गोविंद बिंद के साथ साथ करगहर में CPI के महेंद्र गुप्ता और कांग्रेस के संतोष मिश्रा आमने सामने चुनाव मैदान में हैं।
राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए RJD की बिहार इकाई के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, मैं फिर कह रहा हूं कि ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दलों को हमारी मजबूरियां समझनी चाहिए। RJD एक ऐसा दल है जो केवल बिहार और आसपास के राज्यों में चुनाव लड़ता है। हम दक्षिण या अन्य राज्यों में अपने सहयोगियों से सीट नहीं मांगते। चूंकि हम बिहार में सबसे बड़ा दल हैं, इसलिए हमें यहां सबसे अधिक सीट पर चुनाव लड़ने का अधिकार है।
उन्होंने गठबंधन के अन्य सहयोगियों से अपील की कि वे उन सीट से अपने उम्मीदवारों को वापस ले लें जहां राजद पहले से प्रत्याशी घोषित कर चुका है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता असीत तिवारी ने कहा, हमने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है। मुझे कहना होगा कि राजद और वाम दलों ने अपने उम्मीदवार तब घोषित किए जब कांग्रेस पहले ही अपनी सूची जारी कर चुकी थी। हमें पूरा विश्वास है कि स्थिति एक-दो दिनों में सुलझ जाएगी।