बिहार

पार्टी के खिलाफ किया प्रचार, भाजपा ने दिखाया बाहर का रास्ता

राजकुमार सिंह को प्रदेश भाजपा मुख्यालय की ओर से निलंबन आदेश जारी किया गया है और उनसे यह बताने को कहा गया है कि उन्हें पार्टी से निष्कासित क्यों न किया जाए......

पटना : बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ लगातार तीखी टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी।

पार्टी नेता के अनुसार, सिंह को प्रदेश भाजपा मुख्यालय की ओर से निलंबन आदेश जारी किया गया है और उनसे यह बताने को कहा गया है कि उन्हें पार्टी से निष्कासित क्यों न किया जाए। इसी प्रकार की कार्रवाई में पार्टी ने विधान पार्षद अशोक कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी तथा कटिहार की महापौर ऊषा अग्रवाल को भी निलंबित कर दिया।

अग्रवाल दंपत्ति पर अपने बेटे सौरभ के पक्ष में प्रचार करने का आरोप है, जो विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर कटिहार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे, जहां उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से था।

सिंह नौकरशाही से राजनीति में आए और 2014 में सेवानिवृत्त होने के कुछ ही महीनों बाद भाजपा में शामिल हुए थे। वह बिहार के उपमुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जैसे नेताओं पर आपराधिक मामलों में कथित संलिप्तता को लेकर आलोचना करते रहे हैं।

सिंह को पिछले वर्ष लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा जबकि उन्होंने 2014 से 2024 तक आरा संसदीय क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था। सिंह राज्य सरकार द्वारा भागलपुर में अदाणी समूह के साथ पावर प्लांट स्थापित करने के लिए हुए ‘‘समझौते’’ के भी आलोचक रहे हैं।

गौरतलब है कि बिहार चुनाव के नतीजों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हैं और सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में पार्टी के ही किसी नेता के द्वारा अपनी ही पार्टी के विरुद्ध प्रचार करना आचरण के मुताबिक नहीं लगता।

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