कोलकाता : पुरुलिया जिले के एक निजी अस्पताल में चिकित्सा में लापरवाही के मामले में स्वास्थ्य आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में एक प्रसूता के सीजर ऑपरेशन के दौरान सर्जिकल गॉज (पट्टी) पेट में ही छोड़ दी गयी, जिससे उसकी जान खतरे में पड़ गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, निजी अस्पताल में सीजर ऑपरेशन के बाद प्रसूता को पेट में लगातार दर्द की शिकायत हो रही थी। स्थानीय स्तर पर कोई समाधान नहीं मिलने पर, महिला के परिवार ने उसे वेल्लोर ले जाने का फैसला किया। वेल्लोर के एक अस्पताल में जांच के दौरान पता चला कि महिला के पेट में ऑपरेशन के दौरान पट्टी रह गई थी। जिस कारण उसकी दोबारा सर्जरी कर वह पट्टी निकाली गई। इस उपचार पर परिवार को 2,66,800 का खर्च वहन करना पड़ा। इस लापरवाही को लेकर पीड़ित परिवार ने पश्चिम बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (स्वास्थ्य आयोग) में शिकायत दर्ज करायी थी। आयोग ने सुनवाई के बाद अस्पताल को स्पष्ट रूप से दोषी ठहराया और निर्देश दिया कि अस्पताल महिला के पहले ऑपरेशन का खर्च 30,500 और वेल्लोर में हुए सर्जरी खर्च की पूरी राशि वापस करे। हालांकि, अस्पताल ने आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया। बल्कि पिछले वर्ष 19 सितंबर को आयोग के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को सिरे से खारिज कर दिया। स्वास्थ्य आयोग के चेयरमैन (पूर्व न्यायाधीश) असीम कुमार बनर्जी ने मामले को गंभीर बताते हुए पुरुलिया के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।