बंगाल

शताब्दी रॉय ने ‘बांग्लाभाषी’ लोगों का मुद्दा लोकसभा में उठाया, भाजपा का पलटवार

शताब्दी रॉय ने दावा किया कि महाराष्ट्र और कई अन्य जगहों पर बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेशी कहकर परेशान किया जा रहा है।

नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस की नेता शताब्दी रॉय ने देश के कुछ हिस्सों में बांग्लाभाषी लोगों को परेशान किए जाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को लोकसभा में सरकार पर निशाना साधा, जिसे भाजपा सांसद संबित पात्रा ने असत्य बताकर खारिज कर दिया।

सदन में शून्यकाल के दौरान शताब्दी रॉय ने दावा किया कि महाराष्ट्र और कई अन्य जगहों पर बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेशी कहकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर बांग्ला बोलने से कोई बांग्लादेशी कैसे हो गया?

तृणमूल-भाजपा सांसदों में नोकझोंक

इस दौरान तृणमूल कांग्रेस और सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। इस बीच जब पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने भाजपा सदस्य जुगल किशोर शर्मा का नाम शून्यकाल में उनकी बात रखने के लिए पुकारा तो शताब्दी रॉय सत्तापक्ष की तरफ बढ़ गईं। इस दौरान ऐसा लगा कि तृणमूल कांग्रेस सदस्य सत्तापक्ष की तरफ ऑन माइक से अपनी बात रखने का प्रयास करते हुए वहां पहुंची थीं।

पीठासीन सभापति ने उन्हें अपने स्थान पर लौटने के लिए कहा। सत्तापक्ष के सदस्यों ने तृणमूल सांसद के ऐसा करने पर आपत्ति जताई।

संबित पात्रा ने शताब्दी के आरोपों को बेबुनियाद बताया

शून्यकाल में जब भाजपा सांसद पात्रा के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी की एक सांसद ने ओडिशा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बंगाल के लोगों को बांग्लादेशी कहकर वापस भेज रही है। यह असत्य है। ओडिशा अनादिकाल से साथ सबको साथ लेकर चलता है और बांग्ला बोलने वाले हमारे बंधु हैं।’’ ओडिशा के पुरी से सांसद पात्रा ने यह भी कहा, ‘‘ओडिशा के लोगों के मन में सभी भाषाओं को बोलने वाले लोगों के लिए स्थान है, लेकिन राज्य की सरकार, जनता और विधायकों के मन में बांग्लादेशियों, घुसपैठियों और रोहिंग्या के लिए कोई स्थान नहीं है।’’

पात्रा ने कहा कि तृणमूल सांसद ने ओडिशा के मुख्यमंत्री के लिए जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया है, वह भी आपत्तिजनक है।

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