बदहाल सरकारपुल डाकघर की तस्वीर 
बंगाल

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है महेशतल्ला का सरकारपुल डाकघर

डाकघर आने पर कतराते हैं लोग

महेशतल्ला : डाकघर या फिर पोस्ट ऑफिस नाम सुनते ही लोगों के दिमाग पर एक हिन्दी फिल्म का गीत अचानक याद आ जाता है डाकिया डाक लाया खुशियों का पैैगाम लाया। इन दिनों डाकिया और पोस्टमास्टर बदहाली के बीच काम करने को मजबूर हैं। लेकिन वर्तमान डिजिटल दौर में देश भर के डाकघरों में डिजिटल कामकाज का बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में बारुईपुर मुख्य डाकघर के अधीन संचालित महेशतल्ला के झिंजिरिया बाजार पुलिस फांड़ी के पास किराये के घर में संचालित महेशतल्ला का सरकारपुल डाकघर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। डाकघर के बाहर और अंदर की तस्वीर देखने पर लोगों को सोचने को मजबूर होना पड़ रहा है। महेशतल्ला पालिका के एक ड्रेन का गंदा पानी डाकघर के अंदर हमेशा भरा हुआ रहता है। यों कह सकते हैं कि डाकघर के पोस्टमास्टर से लेकर अन्य कर्मी पानी के बीच में रहकर काम करते हैं। इससे बारिश के मौसम में डाककर्मी अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। डाक कर्मियों ने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को सूचना दी है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं गई है। वहीं डाकघर में परिसेवा लेने आने वाले ग्राहकों को भी काफी परेशानी होती है।

डाकघर के एक कर्मी ने यह कहा

डाकघर के एक कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि सरकारपुल डाकघर इलाके में सन् 1962 से है। इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस कारण डाकघर के अंदर दस्तावेज कभी भी खराब हो सकते हैं। इसके अलावा अंदर वैट जैसा माहौल रहता है। अंदर कभी भी शॉर्ट सर्किट हो सकती है। दस्तावेज को बोरा में भर करके रखा गया है। ग्राहक डाकघर आना नहीं चाहते हैं।

बारुईपुर मुख्य डाकघर के सुपरिंटेंडेंट ने यह कहा

बारुईपुर मुख्य डाकघर के सुपरिंटेंडेंट गोपाल मजुमदार से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

योगायोग भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा

योगायोग भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महेशतल्ला के सरकारपुल डाकघर के साथ ही कई डाकघरों की स्थिति बदतर है। आने वाले दिनों में कई छाेटे पोस्टऑफिस को मर्ज कर विकसित किया जाएगा। छोटे पोस्ट ऑफिसों को बंद किए बिना, एक मजबूत और अधिक प्रभावी डाक सेवा प्रदान करना है।

SCROLL FOR NEXT