बंगाल

दीदी, मेरे बेटे को ढूंढ दीजिए, लापता हिमाद्रि की मां ने की CM Mamata से गुहार

दार्जीलिंग आपदा के बीच लापता जादवपुर के छात्र, परिवार ने की ममता बनर्जी से भावपूर्ण अपील

प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता

सिलीगुड़ी: आठ दिन बीत गए, लेकिन हिमाद्रि पुरकायत अब भी दार्जिलिंग की पहाड़ियों से लापता है। अब उसका परिवार सिर्फ एक ही उम्मीद पर टिका है — मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो इन दिनों पहाड़ के दौरे पर हैं। परिवार का कहना हैं सिर्फ मुख्यमंत्री ही हिमाद्री को ढूंढ सकते हैं। दरअसल, दार्जिलिंग की तबाही के बीच, दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर के एक छोटे से क्षेत्र कमारपोल में एक परिवार हर दिन चिंता और उम्मीद के बीच झूल रहा है। घर का बेटा, जादवपुर विश्वविद्यालय का समाजशास्त्र का छात्र हिमाद्रि पुरकायत, पिछले आठ दिनों से लापता है। 4 अक्टूबर की रात, जब उत्तर बंगाल और दार्जिलिंग में अचानक बाढ़ का कहर टूटा, उस वक्त हिमाद्रि सोनादा के एक होम-स्टे में ठहरा हुआ था।

बताया जाता है कि पानी की गड़गड़ाहट सुनते ही उसने सभी को सावधान किया, लेकिन कुछ ही पलों में वह खुद लापता हो गया। तब से लेकर आज तक, परिवार उसकी एक झलक के लिए तड़प रहा है। हिमाद्रि के बड़े भाई प्रियव्रत पुरकायत ने बताया कि वह कई दिनों तक दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में भटकते रहे। उन्होंने कहा, 'मैंने पूरा पहाड़ छान मारा, एनडीआरएफ से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सबके पास गए। दार्जिलिंग के डीएम, बीडीओ से लेकर नवान्न तक चिट्ठी भेजी। लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला।' एनडीआरएफ ने दो दिन खोज की, फिर बंद कर दी। आज तक कोई रिपोर्ट नहीं दी गई, प्रियव्रत ने आंखों में नमी लिए कहा।

हिमाद्रि के पिता करीव 75 साल के प्रशांत पुरकायत और मां शुक्ला देवी इस सदमे से टूट चुके हैं। मां ने खाना-पीना छोड़ दिया है। बार-बार एक ही बात कहती हैं — “मैंने सुना है दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) पहाड़ पर गई हैं। बस वही मेरे बेटे को वापस ला सकती हैं। उनसे हाथ जोड़कर विनती है — कृपया मेरे हिमाद्रि को ढूंढ दीजिए।” डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी के दफ्तर से भी हिमाद्रि की खोज में सक्रियता दिखाई जा रही है। स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं के साथ प्रशासन ने एनडीआरएफ की मदद से तलाशी अभियान चलाया है। ड्रोनों की मदद से भी इलाके की छानबीन की जा रही है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला। पर्वतीय इलाकों में अब स्थिति सामान्य होने लगी है, पर पुरकायत परिवार का जीवन ठहर गया है।

हर दिन, हर रात एक ही सवाल गूंजता है — 'हिमाद्रि कहां है?' इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को दार्जिलिंग पहुंचने वाली हैं। पुरकायत परिवार ने उनके नाम भावुक अपील भेजी है, कि - 'दीदी, आप ही हमारी आखिरी उम्मीद हैं। जब तक बेटे का शरीर नहीं मिलता, हम मानेंगे नहीं कि वो गया।' उत्तर बंगाल की तबाही धीरे-धीरे थम रही है, लेकिन डायमंड हार्बर के इस घर में एक मां की उम्मीद अब भी जल रही है — कि किसी दिन दरवाजा खुलेगा, और हिमाद्रि वापस आ जाएगा।

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