कोलकाता : पाकिस्तान में कैद बीएसएफ जवान पूर्णम साव की वापसी तो हो गई, लेकिन अब बंगाल के किसान वकील बर्मन की बारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन को किसान वकील बर्मन को वापस लाने में सक्रियता बरतने का निर्देश दिया है। उनको कूचबिहार में बांग्लादेशी बदमाशों ने अगवा कर लिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे राजनीतिक मकसद है। सीएम ने कहा, 'मुझे पता है कि उन्हें कौन उठाकर ले गया। हमने उनकी पहचान कर ली है।'
कौन किस देश का नागरिक है यह तय करना राजनीतिक पार्टी का काम नहीं है
बुधवार को नवान्न में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने अपहृत किसान का नाम लिए बिना कहा कि, एक व्यक्ति को सीमा से उठा लिया गया है। हालाँकि किसान अपनी ज़मीन पर काम कर रहा था। मैं मुख्य सचिव से कहूंगा कि वे इस मामले की रिपोर्ट सही जगह पर पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने इस घटना में राजनीतिक साजिश का संकेत देते हुए कहा कि किसान को अगवा कर ले जाने वाले सभी देश के दुश्मन हैं। यह तय करना किसी राजनीतिक पार्टी का काम नहीं है कि कौन किस देश का नागरिक है। मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि अगर किसान नागरिक नहीं है तो वह अपनी जमीन पर खेती कैसे कर रहा है। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगी। पता करें कि गरीब किसान को कौन ले गया। उल्लेखनीय है कि कूचबिहार के शीतलकुची के राजरबारी गांव निवासी और पेशे से किसान वकील बर्मन को कुछ अज्ञात बदमाशों ने मारपीट कर भारतीय सीमा से दूर ले गए। इस घटना को हुए 20 दिन से भी अधिक हो गया है, लेकिन अपहृत किसान अभी तक घर नहीं लौटा है। फ्लैग मीटिंग के बावजूद बीएसएफ किसान को वापस लाने में विफल रही। तृणमूल कांग्रेस ने वकील के परिवार को समर्थन संदेश भेजा है।