कोलकाता: भारत में अवैध रूप से रह रहे सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिकों के SIR के डर से पिछले दो हफ्तों में हकीमपुर सीमा के रास्ते घर लौटने के बीच दलालों का एक पुराना नेटवर्क फिर से सक्रिय हो गया है। हैरानी की बात यह है कि यही दलाल अब उन्हीं लोगों को लूट रहे हैं जिन्हें उन्होंने कभी भारत में घुसने में मदद की थी। ये दलाल जो पहले अवैध क्रॉसिंग और फर्जी भारतीय दस्तावेज़ बनवाने का काम करते थे, अब हताश परिवारों को हकीमपुर चेक-पोस्ट तक पहुंचाने और सीमा पार कराने के लिए नया शुल्क वसूल रहे हैं।
हकीमपुर में पहुंचे कई बांग्लादेशियों ने पहचान नहीं बताते हुए कहा कि दलालों के जरिये रोजी-रोटी के लिए यहां आये तो थे और SIR प्रक्रिया तेज होने से फिर एजेंट से संपर्क करने को बाध्य हैं। हालांकि शिकायतें यह है कि कई लोगों ने एजेंट को रुपये दिये मगर उनका काम नहीं हुआ। वहीं वहां कार्यरत बीएसएफ अधिकारियों व पुलिस का कहना है कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि दलाल इन बांग्लादेशी नागरिकों को मूर्ख बना रहे हैं और उनसे उगाही कर रहे हैं। जो लोग बांग्लादेशी दस्तावेज़ों के साथ आते हैं, उन्हें सत्यापन के बाद हमारे कैंप में रहने दिया जाता है। BGB द्वारा स्वीकार किये जाने तक हम उन्हें भोजन और आश्रय मुफ्त में प्रदान करते हैं। दलाल उन सेवाओं के लिए पैसे वसूल रहे हैं जो हम मुफ्त दे रहे हैं।
शिकायतों को देख बढ़ा दी गयी है निगरानी : एसपी
बशीरहाट के SP हसन मेहंदी रहमान ने इस मामले में कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं जिसे ध्यान में रखकर हकीमपुर की ओर जाने वाले मार्गों पर निगरानी बढ़ा दी गयी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी दलाल या एजेंट वापस जाने की कोशिश कर रहे लोगों का शोषण न कर सके। इसके लिए उन लोगों को सचेत भी किया जा रहा है।