कपिलमुनि मंदिर की सांकेतिक तस्वीर 
बंगाल

गंगासागर मेला में आकर्षण का केंद्र बनेगी दीघा जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति

रामबाल‌क, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : ऐतिहासिक गंगासागर मेला अब बस कुछ ही सप्ताह दूर है और पूरे जिले में तैयारियों को अंतिम रूप देने की गतिविधियाँ तेज़ी से जारी हैं। प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन सहित सभी संबंधित विभाग इस बार मेले को और अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित तथा आकर्षक बनाने के उद्देश्य से दिन-रात कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में श्रद्धालुओं को विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के लिए मेले क्षेत्र में इस बार एक अनोखी पहल की जा रही है। मेले का सबसे बड़ा आकर्षण बनने जा रही है दीघा के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की भव्य प्रतिकृति। प्रशासन के अनुरोध पर विशेषज्ञ कला एवं निर्माण दल इसकी तैयारी में जुटे हैं और कोशिश है कि मुख्य मेले के आरंभ से पहले यह प्रतिकृति पूरी तरह तैयार हो जाए। यह प्रतिकृति न केवल अपने वैभवपूर्ण स्वरूप से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी, बल्कि उन्हें दीघा स्थित असली मंदिर जैसा ही पवित्र माहौल भी प्रदान करेगी। इसके साथ-साथ महाकाल मंदिर की तर्ज पर भी एक विशेष देवस्थान संरचना तैयार की जा रही है, जिससे भक्तों को एक ही स्थल पर विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हों। अधिकारियों के मुताबिक, मेले में दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु यदि बंगाल के विख्यात मंदिरों का दर्शन एक ही स्थान पर कर पाएं, तो उनका धार्मिक अनुभव और भी समृद्ध होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2023 के सागर मेले में कालीघाट, तारापीठ, दक्षिणेश्वर मंदिर की प्रतिकृतियाँ बनाई गई थीं, जिन्हें श्रद्धालुओं से जबरदस्त सराहना मिली थी। इसी सकारात्मक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 2026 के मेले में दीघा जगन्नाथ मंदिर और महाकाल मंदिर की भव्य प्रतिकृतियों को मुख्य आकर्षण बनाने का निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हर वर्ष की भांति इस बार भी अंतिम तैयारियों का जायजा लेने गंगासागर पहुँचेंगी। उनके दौरे से पहले निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारी लगातार प्रयासरत हैं। प्रशासन को विश्वास है कि इस बार का गंगासागर मेला आध्यात्मिकता, आकर्षण और भव्यता के नए आयाम स्थापित करेगा।

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