अंडाल : ईसीएल के काजोड़ा क्षेत्र अंतर्गत खास काजोड़ा कोलियरी के 10 नंबर पिट में लगी आग को नियंत्रित करने के लिए माइंस रेस्क्यू टीम के सदस्यगण युद्ध स्तर पर कार्य जारी रखे हुए है। बुधवार को भी दिन भर कामगारों खास ठेका कर्मियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में तत्पर भूमिका निभाते देखा गया। वहीं कोयला खदान ठेका श्रमिक यूनियन के महासचिव सह तृणमूल कांग्रेस नेता प्रदीप कुमार पोद्दार आग प्रभावित उक्त कोलियरी प्रांगण में पहुंचे तथा रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल ठेका कर्मियों से जानकारी ली। उन्होंने मीडिया से कहा कि यह घटना कोलियरी प्रबंधन की लापरवाही का एक और उदाहरण है। रातों रात आग ने भयावह रूप नहीं धारण किया। करीब 3 -4 महीने से इस कोलियरी में काम करने वाले कामगारों ने कोलियरी प्रबंधन को स्मेल और स्मोक निकलने की बात कही थी, लेकिन कोलियरी के अभिकर्ता, प्रबंधक ने कामगारों की बात को अनदेखा कर अपना फोकस सिर्फ कोयला उत्पादन पर रखा। अब परिणाम सबके सामने है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन का सेफ्टी पर कोई ध्यान नहीं है। ऐसा लगता है कि कोलियरी और एरिया सेफ्टी डिपार्टमेंट कुंभ निद्रा में है। सेफ्टी के नाम पर सिर्फ स्लोगन लिखवा कर, विभिन्न बैठक कर कंपनी के फंड को बर्बाद किया जा रहा है। वाकई सेफ्टी को लेकर प्रबंधन गंभीर रहता तो बीते दिसंबर माह में इस कोलियरी में पिलर ढहने, रूफ फॉल की घटना नहीं घटती। अभी जो आग की चपेट में कोलियरी आई है, इसे समय रहते रोका जा सकता था। काजोड़ा क्षेत्र के जीएम (ऑपरेशन) एके मंडल ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि फायर डिटेक्शन के बाद से ही रेस्क्यू टीम लगातार काम कर रही है। फायर वाली तीन जगहों में 2 जगह को सील किया जा चुका है। तीसरे की सीलिंग का काम प्रगति पर है। यह सब टेम्पोरेरी सीलिंग है ताकि ऑक्सीजन को रोका जा सके। सीलिंग के बाद नियमित रूप से अंदर की परिस्थिति को एनालिसिस कर रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। परिस्थिति अनुकूल होने पर डीजीएमएस से अनुमति लेकर कोलियरी को पुनः चालू किया जायेगा। फिलहाल इस कोलियरी में उत्पादन कार्य स्थगित है।