प्रश्न पत्र वितर्क को लेकर मीडिया कर्मियों से रुबरु विद्यासागर विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक कुमार कर 
आसनसोल

विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रशनपत्र विवाद को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जताया खेद

भविष्य में ऐसी गलतियां न हों, इसके लिए सभी उपाय किए गए हैं

मिदनापुर : पश्चिम मिदनापुर स्थित विद्यासागर विश्वविद्यालय की स्नातक स्तर की इतिहास परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर इस समय विवाद चल रहा है। सूत्रों के अनुसार इतिहास के प्रश्नपत्र में क्रांतिकारियों को आतंकवादी कहा गया है। जिसे लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक कुमार कर ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना के लिए माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा यह गलती अनजाने में हुई। इस घटना के कारण यूजी बोर्ड ऑफ स्टडीज़ के अध्यक्ष और मॉडरेशन बोर्ड के ज़िम्मेदार सदस्य को हटा दिया गया है। मॉडरेशन बोर्ड के सदस्य आने वाले सभी प्रश्नों में से प्रश्नों का चयन करके अंतिम प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। बोर्ड ऑफ स्टडीज़ के अध्यक्ष इसी मॉडरेशन बोर्ड के सदस्य होते हैं।
‎कुलपति ने कहा, विश्वविद्यालय प्रशासन को खेद है और वे इसके लिए क्षमा याचना करते हैं। उन्होने कहा कि यह मेरे लिए बहुत गंभीर मुद्दा है और वादा करता हूँ कि एसी घटना दोबारा नहीं होगा। भविष्य में ऐसी गलती न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर 1.50 बजे तक लगभग ढाई घंटे बैठक की। बैठक में इतिहास विभागाध्यक्ष, सभी प्राध्यापक, परीक्षा नियंत्रक, कला संकायाध्यक्ष, स्नातक परिषद के सचिव और कुलसचिव शामिल हुए।
‎मालूम हो कि विश्वविद्यालय के तीसरे वर्ष (छठे सेमेस्टर) के इतिहास की परीक्षा के प्रश्नपत्र में लिखा था, मिदनापुर के उन तीन ज़िला मैजिस्ट्रेट के नाम बताइए जिनकी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। यह प्रश्न इतिहास ऑनर्स के ‘भारत में आधुनिक राष्ट्रवाद’ प्रश्नपत्र में पूछा गया था। कुलपति ने उस दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, मैंने यूजी बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ के चेयरमैन की रिपोर्ट भी सुनी है। हमने ख़ुद अध्ययन किया है और पाया है कि यह एक शब्द की गलती है। हमने यह भी मोटे तौर पर समझ लिया है कि इस गलती से कौन जुड़ा है। उन्होने कहा कि मॉडरेशन बोर्ड में जो लोग थे, उनकी लापरवाही के कारण ऐसा हुआ। एक प्रिंटिंग एरर थी जो प्रूफ़ जाँचते समय पकड़ी जानी चाहिए थी, वह नहीं पकड़ी गई। कुलपति ने कहा, छात्र समुदाय के लिए, ख़ासकर मिदनापुर जैसे ज़िले में, जहाँ देश की आज़ादी का इतिहास जुड़ा है, क्रांतिकारियों की भावनाएँ जुड़ी हैं, इस गलती या भूल को एक सामान्य गलती के रूप में नहीं देखता। मैंने इस त्रुटि को ज़्यादा महत्व दिया है। यह बेहद संवेदनशील मामला है। भविष्य में ऐसी गलतियाँ न हों, इसके लिए सभी उपाय किए गए हैं। प्रत्येक विभाग के ज़िम्मेदार व्यक्तियों को पत्र भेजे गए हैं।

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