आसनसोल : कुछ महीने पहले शेयर बाजार में निवेश के जरिए बड़ा मुनाफा कमाने का लालच देकर आसनसोल उत्तर थाना अंतर्गत साउथ धादका इलाका निवासी एक व्यक्ति से 10 लाख 85 हजार 82 रुपये की ठगी कर ली गई थी। उक्त मामले पर अपनी छानबीन की प्रक्रिया जारी रखते हुए आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की आसनसोल साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उन्हें रिमांड पर लिया था। रिमांड पर लिए गए अभियुक्तों में आशीष मैती तथा तरुण कांति चक्रवर्ती शामिल थे। वहीं उनकी रिमांड अवधि समाप्त होते ही उन्हें पुनः सोमवार को आसनसोल जिला अदालत के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। मामले के जांच अधिकारी ने इनके पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर उक्त कांड में शामिल कुछ अन्य अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी समेत मामले पर अपनी विशेष छानबीन करने का हवाला देते हुए उन्हें दोबारा रिमांड पर लेने की अपील अदालत से की। अदालत ने अभियुक्तों की जमानत अर्जी रद्दकर उन्हें दोबारा 4 दिनों की रिमांड पर पुलिस के साथ भेज दिया।
शिकायतकर्ता कैसे फंसे थे इनके जाल में?
बताया जाता है कि बीते 27 अप्रैल को शिकायतकर्ता को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर एक संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्होंने खुद को "प्रोफेसर फारुख पांडोले" का सहायक बताते हुए शेयर में निवेश करने की सलाह दी गई थी। शिकायतकर्ता को एक व्हाट्सएप ग्रुप में भी जोड़ा गया और एक ऐप को इंस्टॉल करने के लिए भी कहा गया थ्व। वहीं विभिन्न व्हाट्सएप नंबरों से मिले निर्देशों का पालन करते हुए शिकायतकर्ता ने उस ऐप पर पंजीकरण किया और उन्हें एक जाली सेबी अनुमोदन प्रमाण पत्र भी दिखाया गया था। हालांकि उक्त चीजों को वैध मानते हुए, उन्होंने अपने बैंक के आरटीजीएस के माध्यम से कुल 10,85,082 रुपये कई खातों में स्थानांतरित कर दिए। वहीं उस ऐप ने उन्हें 2.75 करोड़ की राशि का नकली रिटर्न भी दिखाया था। हालांकि, जब उन्होंने 17 जून, 2025 को राशि भुनाने का प्रयास किया, तो उन्हें सेवा शुल्क के रूप में अतिरिक्त 55 लाख रूपये का भुगतान करने के लिए कहा गया। इससे शिकायतकर्ता को संदेह पैदा हुआ जबकि बाद में पता चला कि उनके साथ उनके पैसों की ठगी कर ली गई है। इसके बाद उन्होंने थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी। फिलहाल उक्त मामले पर पुलिस की छानबीन लगातार जारी है।