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सेना के फर्जी अधिकारी से पूछताछ में मिले चौंकाने वाले तथ्य, एयर गन बरामद

फर्जी आई कार्ड बनाने वाले दुकानदार से पूछताछ

दुर्गापुर : दुर्गापुर सिटी सेंटर फांड़ी की पुलिस ने सेना के एक फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार कर अदालत से रिमांड पर लिया है। इस दौरान अभियुक्त से पूछताछ में पुलिस को कई महत्वपूर्ण तथ्य मिले हैं। दुर्गापुर के डीसी अभिषेक गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अभियुक्त से संबंधित जानकारियां दी। अभिषेक गुप्ता ने बताया कि अभियुक्त अभिषेक मुखर्जी ने फर्जी अधिकारी बनकर कई महिलाओं से ठगी की है। अभियुक्त के पास से एक एयर गन बरामद हुआ है। इससे पहले भी अभियुक्त अभिषेक मुखर्जी गिरफ्तार हो चुका है। अभियुक्त के पास से कई सरकारी विभागों से संबंधित फर्जी आई कार्ड बरामद किए गए हैं। दुर्गापुर में पिछले 6 महीने से अभियुक्त जगह बदल- बदल कर रह रहा था। अभियुक्त पुलिस एवं सेना का वर्दी इस्तेमाल करता था। अभियुक्त सेना, रॉ, आईपीएस एवं होम मिनिस्ट्री के अलावा अन्य विभागों का फर्जी आई कार्ड इस्तेमाल करता था। अभियुक्त ने पहले दिल्ली में एक महिला से शादी की थी। उन्होंने बताया कि अभियुक्त सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं से संपर्क बनाता था। दुर्गापुर विधान नगर स्थित एक दुकान से अभियुक्त ने फर्जी आई कार्ड बनवाया था। आई कार्ड बनाने वाले दुकानदार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इस दौरान पुलिस अभियुक्त के मोबाइल एवं लैपटॉप की जांच कर रही है। अभियुक्त अभिषेक मुखर्जी के खिलाफ यू/एस 319(2)/318(4)/316(2)/68/338/336(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। अभियुक्त खुद को सेना का आला अधिकारी बताकर महिलाओं को गुमराह करता था।

सेना का फर्जी अधिकारी बनकर कई महिलाओं से ठगी

अभियुक्त अभिषेक मुखर्जी सेना का फर्जी अधिकारी बनकर कई महिलाओं को ठग चुका है। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त संपर्क में आने वाली महिलाओं से रुपये लेता था। दुर्गापुर में एक स्कूल शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसाकर उससे संबंध बनाया और फिर लाखों रुपये ऐंठ लिये।दुर्गापुर सिटी सेंटर की रहने वाली एक स्कूल शिक्षिका का मैट्रिमोनियल साइट पर हुगली के भद्रेश्वर निवासी अभिषेक मुखर्जी से परिचय हुआ था। अभिषेक खुद को एक सेना का अधिकारी बताता था और केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े रहने का दावा करता था। उसने शिक्षिका के माता-पिता से भी मुलाकात की और कुछ रातों तक उनके घर पर भी रुका था। हालांकि अभिषेक के कामकाज और बातचीत को लेकर शिक्षिका के माता-पिता को संदेह हुआ था। वहीं शिक्षिका ने अपने माता-पिता की आपत्ति नहीं मानी और उनकी मर्जी के खिलाफ अभिषेक से रजिस्ट्री शादी कर ली। हालांकि बाद में पता चला कि यह शादी नकली थी। इसके बाद शिक्षिका के माता-पिता ने सिटी सेंटर फांड़ी से संपर्क किया एवं शिकायत दर्ज कराई। इस बीच दो दिन पहले अभिषेक दुर्गापुर आया और सिटी सेंटर स्थित एक होटल में रुका था। इसकी भनक लगते ही सिटी सेंटर फांड़ी की पुलिस ने अभिषेक को पूछताछ के लिए तलब किया था। रविवार को अभिषेक एक वकील के साथ फांड़ी में पहुंचा था। इस दौरान पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की और सरकारी अधिकारी होने के पुख्ता दस्तावेज मांगे। अभिषेक ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़ा होने का बहाना बनाकर दस्तावेज दिखाने से बचने की कोशिश की लेकिन पुलिस की कड़ी पूछताछ के आगे वह टूट गया। उसने स्वीकार किया कि वह एक फर्जी सेना अधिकारी का परिचय देकर शिक्षिका के साथ घूम रहा था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान एसीपी सुबीर राय, सीआई रणबीर बाग, थाना प्रभारी संजीव दे समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

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