आग में जलती पकी फसलें  
आसनसोल

सात गांवों के सिलसिलेवार खेतों में लगी भयानक आग, राख हुई पकी फसलें

किसानों ने भारी नुकसान की आशंका जताते हुए की दोषियों को सजा दिलाने की मांग

मुर्शिदाबाद : दौलताबाद थाना अंतर्गत सात गांव दुर्गानगर, नारायणपुर, अभिरामपुर, देवीपुर, गोपीनाथपुर, पोलेपाड़ा और दादपुर स्थित एक विशाल क्षेत्र में फैले खेतों में सोमवार को अचानक आग लग गई। कुछ ही क्षणों में आग ने खेतों में लगी फसल को जलाकर राख कर दिया। एक बार तो आग इतनी भयंकर हो गई कि आकाश में चारों ओर धुआं ही धुआं फैल गया। इससे घबराये स्थानीय निवासियों ने आग बुझाने की भरसक कोशिश की लेकिन तब तक कई किसानों की सारी फसलें जलकर राख हो चुकी थीं। आग इतनी भीषण थी कि वह दुर्गानगर कब्रिस्तान तक फैल गई। स्थानीय लोग तुरंत कब्रिस्तान पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश की। हालांकि, कई लोग अपनी फसलों की सुरक्षा करने में असफल रहे। इस भयानक आग में गेहूं, बाजरा, मसूर, ज्वार, तिल और मक्का समेत कई फसलें जलकर राख हो गईं। स्थानीय किसान हबीबुर रहमान ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उसने महीनों से जो फसल उगाई थी, वह पल भर में जलकर राख हो गई। वे चाहते हैं कि इस घटना की उचित जांच हो और दोषियों की पहचान कर उन्हें दंडित किया जाए। वहीं, किसान हबीब मंडल ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि दौलताबाद पुलिस की स्पष्ट मनाही के बावजूद गेहूं की पकी फसल में आग क्यों लगाई गई ? वे चाहते हैं कि इसकी उचित जांच हो और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा मिले। टिंकू शेख ने कहा कि उसकी दस एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख हो गई है। अगर मुआवजा नहीं मिला तो उसे भारी नुकसान होगा। टीपू सुल्तान ने कहा कि अगर वे लोग आग को जल्दी से बुझाने के लिए नहीं दौड़े होते तो उनका पूरा कब्रिस्तान जलकर खाक हो गया होता। वहीं कहा कि जिसने भी आग लगाई है, उसने घोर अन्याय किया है। क्षेत्र के लोगों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से अंततः आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, किसानों का मानना है कि इससे हुए नुकसान की भरपाई में काफी समय लगेगा। स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और दोषियों को कानून के कटघरे में लाने का वादा किया है। हालांकि, किसानों की मांग है कि उनके नुकसान की भरपाई के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए ताकि वे फिर नए सिरे से खेती पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

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