आसनसोल : भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे ट्रैक में उन समस्याओं को दूर करके ट्रेन यात्रा को सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है जो ट्रेनों की गति धीमा कर सकते हैं या उन्हें पटरी से उतार सकती हैं। ये मुद्दे जिसे मुख्य रूप से लेआउट के रूप में जाना जाता है, जोकि एक अपरंपरागत ट्रैक व्यवस्था हैं एवं जो आदर्श नहीं हैं और जिसके कारण देरी, अनुरक्षण में वृद्धि और संरक्षा जोखिम हो सकता है। इसका समाधान करने के लिए भारतीय रेलवे कर्व्स को सीधा करके, जंक्शनों (पॉइंट्स) को अधिक उपयुक्त स्थानों पर स्थानांतरित करके और पटरियों पर ट्रेन लोड का बेहतर वितरण सुनिश्चित करके ट्रैक लेआउट में सुधार कर रहा है। ये उपाय पटरियों पर पड़ने वाले लोड को कम करेंगे, अनुरक्षण की जरूरतों को कम करेंगे और ट्रेनों को अधिक सुचारू रूप से और समय पर चलाने में मदद करेंगे। भारतीय रेलवे बेहतर ट्रैक डिजाइन को लागू कर भविष्य के लिए अधिक लचीला और सुरक्षित रेल नेटवर्क का निर्माण कर रहा है। पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल में इन ट्रैक संशोधनों के दौरान अत्यधिक सावधानी बरती जाती है। वर्ष 2023-24 में रेलवे यार्ड में दो और जंक्शन पॉइंट्स- पांडबेश्वर (80 ए) और भीमगाढ़ा (52 ए) में दो ऐसे सुधार किए गए थे। वर्तमान वर्ष 2024-25 में 10 पॉइंट और क्रॉसिंग क्षेत्रों को शामिल करते हुए विभिन्न यार्डों में इसी तरह के चार उन्नयन पूरे किए गए हैं। इन स्थानों में अंडाल जंक्शन, कुल्टी, ईसीएल यार्ड, अंडाल और एम्पटी यार्ड, अंडाल शामिल हैं।