लकड़ी की पटिट्यों पर लिटा कर रोगी को ले जाया जा रहा अस्पताल 
आसनसोल

बांस की पट्टियों पर मरीज को अस्पताल ले जाने का वीडियो वायरल होते ही हरकत में आया प्रशासन

उस दृश्य का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है

मिदनापुर: एक मरीज को बांस की पट्टियों पर लिटा कर अस्पताल ले जाया जा रहा है। यह कोई 25 साल पहले का दृश्य नहीं है बल्कि 2025 में पश्चिम मिदनापुर जिले के दासपुर थाने के बछराकुंडु गांव में देखने को मिला। उस दृश्य का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है और इसे देखने के बाद, प्रशासन की भूमिका पर हजारों सवाल उठ खड़े हुए हैं। वहीं इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरु कर दी है।

यह गांव दासपुर 1 ब्लॉक के ही नारजोल ग्राम पंचायत के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है। कथित तौर पर, गांव में प्रवेश करने या बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता नदी के तटबंध के दोनों ओर की कच्ची सड़कें हैं। अगर कोई अचानक बीमार पड़ जाए या किसी मरीज को गांव से जल्दी अस्पताल ले जाना हो तो उसे बांस के तख्तों पर बिठा कर अथवा लिटा कर घाटाल मिदनापुर स्टेट हाईवे तक ले जाना पड़ता है। जिसका कारण है कि बछराकुंडु से बालीपोता से लेकर तेंतुलताला तक करीब एक किमी सड़क की हालत इतनी खराब है कि थोड़ी सी बारिश में भी बाइक या साइकिल से यात्रा करना असंभव है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर गांव के लक्ष्मण दोलुई के 20 वर्षीय पुत्र सुजन की तबीयत खराब हो गई। उसे मजबूरन स्टेट हाईवे तक बांस के पट्टो पर ले जाना पड़ा। वह वीडियो वायरल हो गया।। ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसात के दिनों में गांव तक आने-जाने का एकमात्र साधन नाव या डिंगी है और सड़क पर कीचड़ से उनका जीवन और भी दयनीय हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की हालत को दुरुस्त करने की बार-बार मांग के बावजूद कुछ नहीं किया गया। मिदनापुर घाटाल राज्य सड़क बछराकुंडु गांव से 200-300 मीटर दूर है। ग्रामीणों ने शिकायत की, वैकल्पिक मार्ग पर लंकागढ़ की सड़क का एक हिस्सा कच्चा है। इस सड़क पर एंबुलेंस या कार का प्रवेश संभव नहीं है।’ पंचायत समिति के अध्यक्ष ने कहा, जिला परिषद से इस सड़क का निर्माण जल्द पूरा करने की अपील की है।’ स्थानीय जनप्रतिनिधि और पंचायत समिति के कार्यकारी निदेशक कुमारेश भुइयां ने कहा, ‘इस इलाके में हर साल बाढ़ आती है। जिस सड़क की बात की जा रही है, वह पहले सड़क नहीं थी। 2018-19 में इसके जीर्णाेद्धार की पहल की गई थी। जमीन विवाद के कारण सड़क का काम पूरा नहीं हो सका था। पिछले साल सीमित फंड से हमने 18 लाख रुपयों की लागत से एक पुलिया भी बनाई थी। अधूरी सड़क को लेकर भी हम पहल कर रहे हैं।’ घाटाल के एसडीओ सुमन विश्वास ने इस संबंध में कहा, ‘मैंने भी वह वीडियो देखा है। मैं इस संबंध में पंचायत समिति और प्रखंड प्रशासन से संपर्क कर रहा हूं। मैं पहल कर रहा हूं ताकि इस सड़क पर काम जल्द ही शुरू हो सके।

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