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हियरिंग की सुनवाई में पहुंचे दृष्टिहीन एवं बीमार बुजुर्ग मतदाता

अंडाल : SIR प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। दुर्गापुर फरीदपुर ब्लॉक कार्यालय में बुधवार को मानवता को शर्मसार करने वाला दृश्य देखने को मिला, जब जन्म से दृष्टिहीन और गंभीर रूप से बीमार बुजुर्गों को भी SIR प्रक्रिया के तहत सुनवाई के लिए केंद्र पर बुलाया गया। गौरतलब है कि बीते 27 तारीख से शुरू हुई इस प्रक्रिया में उन मतदाताओं को बुलाया जा रहा है जिनके आंकड़ों में विसंगति या मैपिंग की समस्या है।

छलका दर्द

गोगला क्षेत्र के न्यूपिट वनग्राम निवासी प्रकाश भुइयां जन्म से दृष्टिबाधित हैं। वह एक पड़ोसी की मदद से किसी तरह सुनवाई केंद्र पहुंचे। प्रकाश ने क्षोभ जताते हुए कहा कि उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में है और वह वर्षों से मतदान कर रहा हैं, फिर भी उन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ यहां बुलाया गया। इसी तरह बालीजुरी गांव की 72 वर्षीय भारती चटर्जी और गंगाधर चटर्जी ने भी आयोग के प्रति नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था और बीमारी के कारण चलना-फिरना दूभर है, इसके बावजूद उन्हें सुनवाई के नाम पर परेशान किया जा रहा है।

TMC ने साधा निशाना

तृणमूल कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को 'अमानवीय' करार देते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। ब्लॉक कार्यालय के बाहर TMC कार्यकर्ताओं ने दृष्टिहीन एवं बुजुर्ग मतदाताओं का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया और उनकी मदद की। TMC नेता गौतम घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग सत्यापन के नाम पर वैध मतदाताओं को प्रताड़ित कर रहा है। बीमार और दिव्यांगों को इस तरह बुलाना निंदनीय है।

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