आरओ प्लांट में लगा है ताला 
आसनसोल

बंद पड़े हैं आरओ प्लांट, गर्मी में लोगों की मिट नहीं रही पानी की जरूरत

पीने के पानी के लिए लोगों को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है बोतलबंद पानी

सांकतोड़िया : सोदपुर एरिया के दो आरओ प्लांट के टेंडर समाप्त होने के कारण दो महीने से बंद हैं। इससे लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है। स्थानीय लोग अब पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। कोयला कर्मियों सहित कोलियरी क्षेत्र के आसपास रहने वाले को शुद्ध पानी मिले, इसके मद्देनजर ईसीएल प्रबंधन ने आरओ प्लांट लगाया था। शिकायत के बाद भी आरओ को चालू नहीं कराया गया है। इसकी वजह से कोयला कर्मियों व स्थानीय लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है।

आरओ प्लांट का महत्व

आरओ प्लांट लोगों को पीने के साफ पानी के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। खासकर जब पानी की गुणवत्ता में समस्या हो या पानी में दूषित तत्व मौजूद हों।

बंद होने के कारण

जानकारों ने बताया कि दोनों आरओ प्लांट के टेंडर की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। प्रबंधन ने सभी आरओ प्लांट चलाने के लिए टेंडर जारी किया था। टेंडर में एल वन तापस मुखर्जी आया था। प्रबंधन ने उसे चलाने के लिए वर्क ऑर्डर दे दिया है। स्थानीय ठेकेदार तापस मुखर्जी दोनों आरओ प्लांट सुचारू रूप से चला रहा था। प्रथम अप्रैल से टेंडर की समय सीमा समाप्त हो गयी जिस कारण सोदपुर आर कोलियरी 9/10 नंबर एवं चिनाकुड़ी 2 नंबर कोलियरी के आरओ प्लांट बंद हैं। वहीं आरओ प्लांट के बंद होने से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आरओ प्लांट बंद होने से इस भीषण गर्मी में लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और उन्हें पानी की बोतलें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि आरओ प्लांट को सुचारू रूप से चलाने के लिए ईसीएल प्रबंधन को इन प्लांटों को ठीक करने और रखरखाव करने के लिए कदम उठाना चाहिए। गर्मी में प्यास लगने पर कोई बड़ी उम्मीद के साथ आरओ प्लांट पर पहुंचता है। वहां टोटी में पानी नहीं निकलने पर वह हताश हो जाता है। शहर में एक दर्जन से अधिक आरओ प्लांट लगे हैं। ईसीएल प्रबंधन ने सभी एरिया एवं कोलियरी क्षेत्र में आरओ प्लांट लगाए गए हैं ताकि लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े। लोगों को मजबूरी में बोतल बंद पानी भी खरीदना पड़ रहा है।

मेंटेनेंस के लिए फंड नहीं, जल जीवन मिशन ने बढ़ाया इंतजार

सूत्र बताते हैं कि यह योजना सात से आठ साल पुरानी है। इसका मेंटेनेंस पीरियड भी खत्म हो गया है। आरओ प्लांट के संचालन या मेंटेनेंस के लिए अलग से कोई फंड या योजना नहीं है जिससे इसका मेंटेनेंस कराया जा सके। ठेकेदार तापस मुखर्जी ने आरओ प्लांट की मेंटेनेंस पीरियड समाप्त होने की बात कहते हुए आरओ प्लांट को फिर से चलाने को लेकर असमर्थता जताई।

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