आसनसोल : तमाम जगरूकता और सतर्कता के बावजूद साइबर ठग हैं कि अपने मनसूबे में कामयाब होते जा रहे हैं। लोगों को अलग-अलग तरीके से धमका कर ठगने के मामले सामने आ रहे हैं। इस बार साइबर अपराधियों ने रेलपार के ओके रोड निवासी एनामुद्दीन शहादी के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया है। जानकारी के अनुसार साइबर अपराधियों ने उन्हें सीबीआई का भय दिखाकर 10.50 लाख रुपये ठग लिये। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
कैसे हुई घटना
30 जून, 2025 की सुबह लगभग बजे 9259364582 नंबर से उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले व्यक्तियों ने खुद को दूरसंचार विभाग से बताया। उन्होंने उन्हें सूचित किया कि उनके आधार नंबर का उपयोग करके मुंबई में 9839768051 नंबर का एक मोबाइल सिम कार्ड और एक केनरा बैंक खाता खोला गया है। इस खाते में कुल 25,00,000 रुपये का लेन-देन हुआ है। उन्होंने बताया कि उक्त सिम कार्ड और पैसा अवैध गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में शामिल थे। बाद में, एक अज्ञात धोखेबाज ने उन्हें 7381652855 नंबर से फोन किया और बताया कि वे मुंबई पुलिस- सीबीआई से हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन पर नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े होने का संदेह है। उन्होंने उन्हें एक जाली दस्तावेज भेजा, जिसमें कुल 10 लाख 57 हजार रुपये का दावा किया गया था, जिसे मैंने आरटीजीएस के माध्यम से दो अलग-अलग खातों में भेजा। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय/सीबीआई के लेटरहेड के साथ एक फर्जी नोटिस भेजा, जिसमें कहा गया था कि उन्हें राष्ट्रीय हित के लिए इस मामले को गोपनीय रखना होगा। इसमें चेतावनी दी गई थी कि यदि दोषी पाया गया, तो उन्हें 5 साल की कैद और उनकी सभी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। धोखेबाज उन्हें व्हाट्सएप वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए रोजाना 8 से 10 बार फोन करते थे और उन्हें 24 घंटे अपनी निगरानी में रखते थे तथा दबाव डालकर और धमकाकर उनके बैंक खातों के बारे में सभी अपडेट लेते थे।