बीरभूम : अनुब्रत मंडल रविवार को भी पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुये। इस दिन अनुब्रत की जगह उनके वकील बिपदतरन भट्टाचार्य और तृणमूल नेता गगन सरकार एसडीपीओ कार्यालय पहुंचे। पत्रकारों के सवालों के जवाब में तृणमूल नेता गगन सरकार ने कहा कि अनुब्रत मंडल साजिश के शिकार हुए हैं। किसी ने एआई तकनीक का इस्तेमाल कर अनुब्रत की आवाज की नकल की और आईसी से ऐसी बातें कहीं। अनुब्रत मंडल साजिश का शिकार हैं। इसी तरह, अनुब्रत के वकील ने भी साजिश पर आरोप लगाया। हालांकि, उनमें से किसी ने भी स्पष्ट रूप से किसी का नाम नहीं लिया। गगन सरकार ने कहा कि इस साजिश में राजनीति से जुडे़ लोग हो सकते हैं। भाजपा के लोग भी हो सकते हैं। इस संबंध में वकील ने कहा कि वे जांच एजेंसी की मदद कर रहे हैं। वे भविष्य में भी ऐसा करेंगे। उन्हें जो कुछ भी कहना है, वे अदालत को बताएंगे। वे बाहर कुछ नहीं कहेंगे कारण मामला विचाराधीन है। सूत्रों के अनुसार बीमारी के कारण अनुब्रत मंडल घर पर ही हैं। सोमवार को जमानत के लिए वे कोर्ट जाएंगे या नहीं, यह पता नहीं है। इस संबंध में उनके वकील ने भी कुछ नहीं कहना चाहा। बीमारी का हवाला देकर अनुब्रत मंडल दूसरे दिन भी पुलिस के समक्ष पेश होने से बचते रहे। रविवार को उनके वकील बिपदतरन भट्टाचार्य व तृणमूल नेता गगन सरकार एसडीपीओ कार्यालय पहुंचे और इस संबंध में कानूनी पत्र सौंपा। बोलपुर थाने में गैर जमानती धारा के तहत अनुब्रत मंडल के खिलाफ मामला दर्ज है। शनिवार को भी वे एसडीपीओ कार्यालय में पेश होने से बचे। इसके बाद उन्हें फिर नोटिस भेजकर रविवार को पेश होने का आदेश दिया गया था। अनुब्रत के वकील बिपदतरन भट्टाचार्य ने कहा, वे शारीरिक रूप से बीमार हैं। इस संबंध में मैंने पत्र दिया है। कानूनी तरीके से ही सब कुछ किया जाएगा। घटना की शुरुआत 29 मई को हुई थी। उस दिन एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इसमें खुद को अनुब्रत मंडल बताने वाला व्यक्ति बोलपुर थाने के आईसी लिटन हलदर को अस्पष्ट भाषा में गाली देता सुनाई दे रहा है। आईसी के परिवार के सदस्यों को निशाना बनाकर भद्दी टिप्पणियां भी की गईं। वायरल ऑडियो ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा और सीपीएम ने अनुब्रत की गिरफ्तारी की मांग की है। 30 मई को तृणमूल शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर अनुब्रत ने माफी मांगी। 30 मई को, अनुब्रत मंडल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 224 (सरकारी काम में बाधा डालना और ड्यूटी पर एक लोक सेवक को धमकी देना), 132 (एक लोक सेवक पर हमला करना), 75 (दुर्भावनापूर्ण उत्पीड़न और हमला) और 351 (धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी की शिकायत के आधार पर, बोलपुर एसडीपीओ रिकी अग्रवाल मामले की जांच कर रहे हैं।