नई दिल्ली – वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने 2024-25 के वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में बजट में निर्धारित पूंजीगत खर्च (ईसीई) का केवल 37.28 प्रतिशत इस्तेमाल किया है। ईसीई वह खर्च है जो सरकार ने नई पूंजीगत संपत्तियां बनाने, जैसे सड़कों, इमारतों, या मशीनों के लिए किया है। यह खर्च़ सरकार के कुल पूंजीगत बजट का हिस्सा होता है और इसे ऐसे खर्चों का योग माना जाता है जो पूंजीगत संपत्तियां बनाने और इसके लिए अनुदान देने में लगाए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, सरकार ने बजट में कुल 15.02 लाख करोड़ का पूंजीगत खर्च (ईसीई) निर्धारित किया था। इसमें केंद्र सरकार के द्वारा 11.11 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए। पूंजीगत खर्च के रूप में 4.15 लाख करोड़ रुपये सीधे तौर पर और राज्यों में नई संपत्तियां बनाने के रूप में 1.45 लाख करोड़ रुपये शमिल थे। वित्त मंत्रालय ने कहा, “वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में प्रभावी पूंजीगत व्यय 5.60 लाख करोड़ रुपये था जो की अनुमान से कम रहा”
पूंजीगत व्यय का सिर्फ 37.28% ही इस्तेमाल कर पाई केंद्र सरकार
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