नई दिल्ली: महाराष्ट्र में प्रचंड बहुमत के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी गतिरोध अब समाप्त होता दिख रहा है। महायुति के प्रमुख नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने के संकेत देते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के फैसले को सर्वमान्य मानेंगे। ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि उनके मन में कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने पीएम मोदी से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि महायुति में कोई मतभेद नहीं है। जो भी फैसला होगा, हमें मंजूर होगा।” शिंदे ने यह भी कहा कि वह खुद को एक आम आदमी के तौर पर देखते हैं और महाराष्ट्र के हित में किसी भी भूमिका के लिए तैयार हैं।
“लड़ने वाला हूं, भागने वाला नहीं” – शिंदे
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिंदे ने अपनी भूमिका को लेकर कहा कि वह किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेंगे। “मैं रोने वालों में नहीं हूं, बल्कि लड़ने वाला हूं। जनता के विश्वास को कायम रखने के लिए आखिरी दम तक काम करूंगा,” उन्होंने कहा। शिंदे ने महायुति की शानदार जीत को जनता की विजय बताया और सभी का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ महाराष्ट्र में 43 मंत्री पदों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा तेज है। भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और अजित पवार की एनसीपी के बीच सहमति बनाना महत्वपूर्ण है। भाजपा, जिसने 132 सीटें जीती हैं, को मंत्री पदों का आधा हिस्सा मिलने की संभावना है।
देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं मुख्यमंत्री
सूत्रों के अनुसार, भाजपा कार्यकर्ता और आरएसएस देवेंद्र फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। 2022 में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार किया था, लेकिन इस बार बीजेपी के हाईकमान और कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता फडणवीस मुख्यमंत्री पद संभालें।
विपक्ष ने खींचा मुद्दा, BJP ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री पद के लिए देरी पर विपक्ष ने सवाल उठाए, लेकिन भाजपा ने स्पष्ट किया कि उन्हें सरकार गठन की कोई जल्दी नहीं है। पार्टी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भी सरकार बनाने में समय लगा था और महाराष्ट्र में भी हर पहलू पर सोच-समझकर फैसला लिया जाएगा। महाराष्ट्र में बीजेपी और सहयोगी दलों की महायुति ने 230 में से 132 सीटें जीतकर मजबूत प्रदर्शन किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर सभी दल एक सर्वसम्मत निर्णय लेने की ओर बढ़ रहे हैं।
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