कोलकाता : कलकत्ता विश्वविद्यालय एक बार फिर से विवादों के घेरे में आ गया है। हाल ही में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां देखा जा रहा है कि एमए (बांग्ला) प्रथम वर्ष के 120 छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाएं (आंसर शीट) गुम हो गयी हैं। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक कम से कम 120 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं खो गयी हैं, जिससे उन परीक्षार्थियों का भविष्य सवालों के घेरे में आ गया है। इसे लेकर सन्मार्ग की ओर से विश्वविद्यालय की अंतरिम वीसी शांता दत्ता, रजिस्ट्रार देवाशीष दास और परीक्षा नियंत्रक जयंत सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। हालांकि, विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह घटना परीक्षकों की लापरवाही के कारण हुई। जिन 120 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं खो गई हैं उनमें से अधिकतर दक्षिण 24 परगना के कॉलेजों के छात्र हैं। उस सूची में कोलकाता के दो कॉलेजों के छात्र भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यूजीसी की ओर से कड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं।
क्या कहा टीएमसीपी ने
उत्तर पुस्तिकाएं खोने के मुद्दे पर तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने आंदोलन की चेतावनी दी है। संगठन के राज्य सचिव अभिरूप दास ने कहा कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा नियुक्त अंतरिम कुलपति अपने हित साधने में व्यस्त हैं। इन उत्तरपुस्तिकाओं के खोने के पीछे यूनिवर्सिटी की बड़ी लापरवाही है। एक बार कॉलेज खुल जाएं तो हम बड़े आंदोलन करेंगे।
विश्वविद्यालय में की गई सिंडिकेट की बैठक
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार सिंडिकेट की बैठक में उत्तर पुस्तिका गायब होने के मुद्दे पर चर्चा हुई जहां यह निर्णय लिया गया है कि जिनकी उत्तर पुस्तिकाएं खो गई हैं, उन्हें दो विकल्प दिए जाएंगे। पहला विकल्प कि वे छात्र-छात्राएं चाहें तो दोबारा परीक्षा में बैठ सकते हैं और दूसरा कि यदि वे दोबारा परीक्षा में नहीं बैठना चाहते हैं, तो पहले सेमेस्टर में सबसे अधिक अंक वाले विषय को अंकों के रूप में गिना जाएगा। हालांकि इस फैसले को कुलपति की मंजूरी नहीं मिली है। गौरतलब है कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों से ऐसे कई मामले सामने आये हैं, लेकिन एमए की उत्तर पुस्तिका का खो जाना काफी चौंकाने वाला है। अंतरिम वीसी ने इस घटना को लेकर कड़ा संदेश दिया है।