Durga Puja 2024 : पूजा आयोजकों ने कहा, ‘सोच बदलिये, दुर्गा पूजा नहीं’ | Sanmarg

Durga Puja 2024 : पूजा आयोजकों ने कहा, ‘सोच बदलिये, दुर्गा पूजा नहीं’

कोलकाता : आरजी कर काण्ड की गूंज पूरे देश में है। पश्चिम बंगाल समेत कोलकाता में भी आये दिन रैलियों व प्रदर्शनों के माध्यम से लोग आरजी कर काण्ड का विरोध जता रहे हैं। इन सबके बीच, दुर्गा पूजा को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया समेत विभिन्न माध्यमों पर लोगों के एक समूह का कहना है कि आरजी कर काण्ड की गूंज दुर्गा पूजा में भी गूंजनी चाहिए। काफी लोग दुर्गा पूजा ही बंद करने का समर्थन कर रहे हैं तो काफी लाेग ऐसे हैं जो दुर्गा पूजा के माध्यम से आरजी कर को लेकर अपना विरोध जताने की बात कह रहे हैं। वहीं लोगों का एक समूह ऐसा है जो यह कह रहा है कि दुर्गा पूजा अपनी जगह पर है और विरोध अपनी जगह। दुर्गा पूजा के त्योहार से आरजी कर की घटना को नहीं मिलाया जा सकता। ऐसे में सन्मार्ग ने बात की महानगर के कई पूजा आयोजकों से कि इस बार वे आरजी कर काण्ड को लेकर क्या कुछ कर रहे हैं। पूजा आयोजकों का कहना है कि खुशी के साथ गम को नहीं मिलाया जा सकता।

सोच बदलनी होगी, दुर्गा पूजा नहीं : भवानीपुर 75 पल्ली के सेक्रेटरी सुबीर दास ने सन्मार्ग से कहा, ‘इस बार हम लोग अपनी डायमण्ड जुबली मना रहे हैं। हमारा थीम है तोबू तोमार काछे आमार हृदय, यहां तोबू का अर्थ है कोलकाता।’ आरजी कर के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘काफी दिनों पहले ही हमने जदु बाबू बाजार, कालीघाट क्रासिंग समेत दक्षिण कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में आरजी कर काण्ड के विरोध में पोस्टर लगाये हैं जिन पर लिखा है, ‘आशा राखून, भोरसा राखून। दोषीदेर कठोरतम सास्ती चाई (उम्मीद रखिये, भरोसा रखिये, दोषियों की कड़ी सजा चा​हिए)। हम भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन एक दुर्गा पूजा की केवल बात नहीं है। इससे लगभग 50 हजार करोड़ का टर्नओवर होता है, लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। ऐसे में इससे समझौता करना इस हिसाब से भी ठीक नहीं होगा। लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी, ना​ कि दुर्गा पूजा बंद करने की आवश्यकता है।’

पूजा का काम 6 महीने पहले हो जाता है चालू: नाकतला उदयन संघ की ओर से महासचिव अंजन दास ने बताया कि पूजा में हमारी थीम है कि पहले जहां घरों में संयुक्त परिवार पूरे प्रेम के साथ रहता था, वहीं अब फ्लैट कल्चर आ गया और परिवार छोटे होते-होते अब एकल में बदल गये हैं। आरजी कर को लेकर उन्होंने कहा कि प्रशासन इस पर काम करेगा। हालांकि पूजा का काम 6 महीने पहले चालू हो जाता है जहां एक पूजा में 200 लोग जुड़े होते हैं। ऐसे में पूजा अगर बंद कर दें तो इन लोगों का क्या होगा ? हम दोषियों की सजा चाहते हैं, लेकिन पूजा बंद करने से किसी को कोई लाभ नहीं होगा।

कुछ आयोजक इस तरह जता रहे विरोध

कुछ पूजा आयोजकों ने दुर्गा पूजा के त्योहार में भी आरजी कर की घटना का विरोध जताने का तरीका ढूंढ निकाला है। रायगंज की एक पूजा कमेटी द्वारा आमंत्रण पत्र में ही लिखा गया है, ‘वी वान्ट जस्टिस।’ इसी तरह कोलकाता के प्रख्यात संतोष मित्रा स्क्वायर के सजल घोष ने कहा कि जैसे 2 साल पहले हमारे पूजा पण्डाल को देख लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और पिछले साल ‘जय श्री​ राम’ के नारे लगाये थे, वैसा ही कुछ इस बार भी होगा। आरजी कर को लेकर कुछ करेंगे, लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया है कि क्या किया जाएगा। इससे पहले 6 पूजा कमेटियां राज्य सरकार का 85,000 रुपये अनुदान लेने से भी इनकार कर चुकी हैं।

 

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