नई दिल्ली : आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद की घोषणा की है। राजस्थान भर में एससी/एसटी समुदायों से महत्वपूर्ण समर्थन पाने वाले इस बंद में देश भर से व्यापक भागीदारी की उम्मीद है। अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के राज्यों को एससी और एसटी ग्रुप में उप-वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) की परमिशन देने के फैसले ने व्यापक विवाद को जन्म दिया है। इस फैसले का उद्देश्य सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों को आरक्षण देने को प्राथमिकता देना है, लेकिन अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया है।
क्या रहेगा बंद और क्या रहेगा खुला?
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने विरोध के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का आह्वान किया है। हालांकि, एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनिश्चित है कि क्या देश भर के बाजार इसका पालन करेंगे, क्योंकि बाजार समितियों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन और निजी क्षेत्र के परिचालन में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका है, लेकिन एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बंद के आह्वान के बावजूद सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। इसके अलावा, चिकित्सा देखभाल, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, रेल सेवाएं और बिजली आपूर्ति सहित आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी।
प्रशासन की क्या है तैयारी?
अशांति की संभावना को देखते हुए, देश भर में पुलिस बलों ने अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है, खासकर संवेदनशील माने जाने वाले जिलों में। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है और उसे हाई अलर्ट पर रखा गया है। डीजीपी यूआर साहू ने कहा, “हमने अपने अधिकारियों को बंद का आयोजन करने वाले समूहों के साथ-साथ बाजार संघों के साथ प्रभावी सहयोग सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करने का निर्देश दिया है।”