नयी दिल्लीः रियल एस्टेट लेनदेन से ‘इंडेक्सेशन’ लाभ को हटाने का कदम ‘वास्तविक बाजार गतिशीलता’ के नजरिये से देखने पर करदाताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पुरानी संपत्तियों के मामले में 2001 के उचित बाजार मूल्य के इंडेक्सेशन के हिसाब से ‘ग्रैंडफादरिंग’ प्रावधान लागू होगा। बजट ने 2001 से पहले खरीदी गई या विरासत में मिली संपत्तियों पर करदाताओं के लिए इंडेक्सेशन लाभ को बरकरार रखा है।प्रत्यक्ष कर गतिविधियों का संचालन करने वाली इकाई सीबीडीटी के प्रमुख ने बजट के बारे में बातचीत में कहा कि नई व्यवस्था के तहत एक करदाता के लिए ‘कम कर देनदारी’ बनेगी। उन्होंने कहा कि संसद में बजटीय उपायों की घोषणा के पहले विभाग ने इस संदर्भ में ‘कुछ गणनाएं’ की थीं। बजट 2024-25 ने लंबी अवधि के लिए रखी गई आवासीय इकाइयों की बिक्री से अर्जित पूंजीगत लाभ पर कर को 20 प्रतिशत से घटाकर कम कर दिया है। हालांकि, इस क्रम में करदाताओं को मिल रहे इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया गया है।
इंडेक्सेशन
‘इंडेक्सेशन’ एक ऐसी प्रणाली है जिसके तहत घर जैसे निवेश के खरीद मूल्य को इस तरह समायोजित किया जाता है कि ऐसी परिसंपत्तियों पर मुद्रास्फीति का प्रभाव दिखाई दे। ऐसी स्थिति में इंडेक्सेशन पर मिलने वाले लाभ को गणना में शामिल न करने पर रियल एस्टेट बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
की है गणना
उन्होंने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र में बीते 10 वर्षों में संपत्ति की कीमतें या मुनाफा काफी हद तक बढ़ा है। अब पिछले 10 साल में नई व्यवस्था के साथ अपने इंडेक्सेशन की तुलना करें। मसलन, आपने 2014 में एक संपत्ति खरीदी है और आप इसे 2024-25 में बेच रहे हैं। इस पर इंडेक्सेशन का लाभ केवल 1.5 गुना होगा। हमने (सीबीडीटी और आयकर विभाग) कुछ गणनाएं की हैं और यह पाया है कि यदि 10 वर्षों में संपत्ति की दर तीन गुना बढ़ी है, तो नई व्यवस्था फायदेमंद है।’’
Good News: अब पुरानी प्रॉपर्टी पर मिलेगा इंडेक्सेशन
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