कोलकाता : बस्ती में रहने वाले लोग भी सम्मान के साथ रहें, उन्हें बस्तीवाले कहकर न पुकारा जाये इसलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले वर्ष सभी बस्तियों का नामकरण कर उसे ‘उत्तरण’ नाम दिया। मुख्यमंत्री ने इस काम की जिम्मेदारी मेयर फिरहाद हकीम को दी। उसके बाद से ही केएमसी का बस्ती विभाग इस काम में जुट गया है और इसका नतीजा भी अब सामने आने लगा है। इसके तहत बस्तियों के सामने ‘उत्तरण’ नाम से बोर्ड लगाये जा रहे हैं। फिलहाल इस काम की शुरुआत नारकेलडांगा, चेतला इलाके की बस्तियों से हो गयी है। इस संबंध में स्थानीय पार्षद पापिया घोष ने बताया कि फिलहाल शुरुआत में दो बस्तियों में ये बोर्ड लगाये गये हैं। धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से सभी बस्तियों में लगाये जायेंगे। पार्षद ने बताया कि यह वहां रहने वालों लोगों के लिए सम्मान की बात है। सारा जीवन उन्हें अगल-अलग नामों से जाना जाता रहा है लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा उठाये गये इस कदम से उन्हें उचित सम्मान मिला है। यह बेहद खुशी की बात है। मालूम हो कि पिछले साल पूजा पंडालों का वर्चुअल उद्घाटन के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने फिरहाद हकीम द्वारा बस्ती शब्द सुनते ही इसपर आपत्ति जतायी थी और कहा कि बस्ती शब्द सुनने में ठीक नहीं लगता है। ऐसे में मेयर फिरहाद हकीम ने सीएम से बस्ती के लिए एक नाम तय करने का अनुरोध किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बस्ती के बजाय उसका नाम ‘उत्तरण’ रखा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि इनका नाम उतरन रखा जाए।
बोर्ड में वार्ड नम्बर के साथ बस्ती के पता का भी है उल्लेख
निगम सूत्रों के अनुसार कोलकाता में करीब 3334 बस्तियां हैं, जहां बोर्ड लगाने का काम चरणबद्ध तरीके से जारी है। उन्होंने कहा कि बोर्ड में उत्तरण नाम के साथ वार्ड नम्बर और संबंधित बस्ती के पता का भी उल्लेख किया जा रहा है ताकि उसे देखकर आसानी से वहां के वार्ड नम्बर और पता की जानकारी मिल सके।
यह कहना है एमएमआईसी का
पर्यावरण विभाग व बस्ती विभाग के एमएमआईसी स्वप्न समद्दार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार करीब दो महीने पहले से ही बस्तिायों में उत्तरण नाम के बोर्ड लगाये जा रहे हैं। इसके तहत नारकेलडांगा, चेतला समेत कई इलाके में बोर्ड लग भी चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड को सभी वार्डों की बस्तियों में लगाया जायेगा।