एक नजर 2019 के नतीजे पर
तृणमूल की माला राय को 573119 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के चंद्र कुमार बोस को 417927 वोट मिले थे। माकपा की नंदिनी मुखर्जी 140275 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं। इस लोकसभा के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं इनमें कसबा, बेहला पूर्व, बेहला पश्चिम, कोलकाता पोर्ट, भवानीपुर, रासबिहारी व बालीगंज शामिल हैं। इन सातों पर तृणमूल का कब्जा है।
सातों विधानसभा पर है तृणमूल का कब्जा
भाजपा और माकपा ने भी लगाया है जोर
कोलकाता : कोलकाता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र तृणमूल का मजबूत गढ़ है। यहां तृणमूल काफी मजबूत स्थिति में है और इसे हिलाने में विपक्ष अब तक के चुनावों में कामयाब नहीं हो पाया है। इस क्षेत्र को आखिर क्यों तृणमूल का मजबूत गढ़ कहते हैं, इसके कई कारण हैं जो सत्तारूढ़ पार्टी को यहां अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रखते हैं। लोकसभा चुनाव में तृणमूल ने इस बार भी अपने वरिष्ठ नेता तथा निवर्तमान सांसद माला राय पर भरोसा जताया है। माला राय कोलकाता नगर निगम की चेयरपर्सन भी हैं। भाजपा से यहां देवश्री चौधरी चुनावी मैदान में है। देवश्री चौधरी रायगंज लोकसभा क्षेत्र से दोबारा सांसद उम्मीदवार नहीं हुईं। उन्हें पार्टी ने कोलकाता दक्षिण में उम्मीदवार के तौर पर उतारा। वहीं माकपा से सायरा शाह हलीम उम्मीदवार हैं। सायरा शाह हलीम मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की भतीजी हैं।
माना जा रहा है त्रिकोणीय मुकाबला
अंतिम चरण के चुनाव के तहत यहां भी 1 जून को मतदान है। वहीं बात करें चुनावी मिजाज की तो इस बार कोलकाता दक्षिण में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। तृणमूल को पूरा भरोसा है कि यहां विपक्ष को काेई जगह नहीं मिल पायेगा। जबकि विपक्ष ने यहां ताकत झोंक दी है। हालांकि किसे कितनी कामयाबी मिलती है यह 4 जून को ही पता चल पायेगा।
राजनीतिक नजरिये से बेहद अहम है कोलकाता दक्षिण
दरअसल, कई कारणों में से एक अहम कारण यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी न केवल कोलकाता-दक्षिण की मतदाता और निवासी हैं बल्कि इस निर्वाचन क्षेत्र के साथ उनके लंबे राजनीतिक और भावनात्मक दोनों तरह का जुड़ाव हमेशा रहा है। ममता बनर्जी यहां से 6 बार सांसद चुनी गईं। वर्ष 2011 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा यहां के सात विधानसभा सीटाें पर ही तृणमूल का कब्जा है। काेलकाता दक्षिण से 4 मंत्री हैं। इनमें भवानीपुर से ममता बनर्जी, कोलकाता पोर्ट से फिरहाद हकीम, कसबा से जावेद अहमद खान तथा बालीगंज से बाबुल सुप्रियो हैं।
मतदाता ने मन बना लिया है, किससे चुनना है
कोलकाता दक्षिण को मिनी इंडिया भी कहा जाता है। यहां हर भाषाभाषी रहते हैं। यूपी, बिहार, गुजरात, पंजाब, राजस्थान सहित अलग अलग क्षेत्रों के लोग यहां रहते हैं। कौन पसंदीदा उम्मीवार है, इसे मन ही मन परख लिया है। एक महिला वंदना साव ने कहा कि हम जागरूक है और हमें पता है कि किस मुद्दे पर किसे समर्थन करना है। केशरी लाल ने कहा कि हम यहां वर्षों से रहते आये हैं। पहले पिताजी बिहार से यहां आये। पूरा परिवार यहां वर्षों से रह रहा है। किसने कितना काम किया है, इसकी जानकारी हमें अच्छे से है।