जस्टिस सी आर दास ने किया यह खुलासा, कहा : व्यक्तित्व गढ़ने में है अहम भूमिका
कोलकाता : हाईकोर्ट के जस्टिस सी आर दास सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर उन्हें भावभीनी विदायी दी गई। इस मौके पर चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम सहित सभी जज व बहुत सारे एडवोकेट मौजूद थे। अपने संबोधन में जस्टिस दास ने आरएसएस का आभार जताते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व को गढ़ने में इस संगठन ने एक निर्णायक भूमिका निभायी है।
इसके साथ ही उन्होंने पेशे की प्रतिबद्धता और वैचारिक निष्ठा के बीच के फर्क को भी परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि करीब 37 साल पहले जब जज बना तो आरएसएस से एक दूरी बना ली थी, ताकि किसी प्रकार के पूर्वाग्रह से बचा जा सके। जस्टिस दास ने कहा कि उन्होंने सभी मामलों में मेरिट के आधार पर फैसला सुनाया। इस पर कभी गौर नहीं किया कि वादी की राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या है और वह किस दल से जुड़ा है। अपने करियर की प्रगति के लिए कभी भी इस संगठन का इस्तेमाल नहीं किया। इस मौके पर एएसजी अशोक कुमार चक्रवर्ती, एजी किशोर दत्त और डीएसजी धीरज त्रिवेदी सहित बहुत सारे सीनियर एडवोकेट भी मौजूद थे। जस्टिस दास ने अपने करियर की शुरुआत ओडिशा से की थी।