दो नहीं, तीन आतंकी आये थे कोलकाता में ! | Sanmarg

दो नहीं, तीन आतंकी आये थे कोलकाता में !

7 दिन तक रांची में भी ठहरे थे गिरफ्तार दोनों आतंकी

कोलकाता : कोलकाता में दो नहीं, तीन आईएस आतंकी आए थे। बंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले की जांच में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। तीसरे व्यक्ति ने गिरफ्तार दोनों आतंकियों को वित्तीय सहायता प्रदान की थी। इतना ही नहीं, यह वही आतंकी था जिसने अब्दुल मथीन और मुसाव्विर हुसैन को रामेश्वरम कैफे में विस्फोट करने का लॉजिस्टिक्स यानी विस्फोटक सौंपा था। सात दिनों तक रांची में रहने के बाद दोनों आतंकी अब्दुल मथीन और मुसाव्विर हुसैन 21 मार्च को कोलकाता लौट आये थे। उसी दिन बंगलुरु से आईएस आतंकी संगठन का मुखिया मोजम्मेल शरीफ कोलकाता आया और धर्मतला इलाके में उनसे मुलाकात की। आतंकी नेता ने वापस जाते समय दैनिक खर्च चलाने और बाद में कुछ और आतंकी योजनाओं के लिए दोनों आतंकियों को एक लाख रुपये नकद दिया था। एनआईए ने बंगलुरु धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार दो आतंकियों से पूछताछ कर सनसनीखेज जानकारी हासिल की है। गौरतलब है कि इसी मोजाम्मेल ने बंगलुरु के कैफे में विस्फोट करने के लिए अब्दुल मथीन को विस्फोटक दिया था।

विशेष ऐप के जरिए एक दूसरे से बात करते थे आतंकी

मोजम्मेल शरीफ को एनआईए ने रामेश्वरेम कैफे विस्फोट मामले में 27 मार्च को बंगलुरू से गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के दौरान जासूसों को अब्दुल मथीन और मुसाव्विर हुसैन के कोलकाता आने की जानकारी मिली। इसके बाद इसी महीने के पहले हफ्ते में बंगलुरु से एनआईए की टीम कोलकाता आई और दोनों आतंकियों की तलाश शुरू की। धमाके के बाद आईएस के दो आतंकी बेंगलुरु से चेन्नई और तेलंगाना होते हुए 10 मार्च को कोलकाता पहुंचे। वे बेंगलुरु के दो आईएस नेता मेजर मुनीर अहमद और मोजम्मेल शरीफ के सीधे संपर्क में थे। उन्होंने ‘टॉर्क’ नामक ऐप के जरिए मैसेज का आदान-प्रदान किया और बातचीत की। मोजम्मेल ने ही उन्हें रांची में एक अन्य आईएस प्रमुख से संपर्क करने और वहां जाकर छिपने के लिए कहा था। जांच अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या कोलकाता में कोई और भी मोजम्मेल से जुड़ा है?

रांची में मौजूद है आईएसआईएस का मॉड्यूल

रामेश्वरम कैफे विस्फोट कांड में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में एनआईए अधिकारियों को पता चला है कि वे लोग रांची में एक स्लीपर सेल के ठिकाने पर छिपे थे। इसके बाद से ही जांच अधिकारी आईएसआईएस के रांची मॉड्यूल को लेकर जांच कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जांच अधिकारियों का मानना है कि बंगाल और रांची में आतंकी संगठन के स्लीपर सदस्यों ने दोनों अभियुक्तों को मदद पहुंची थी। यह कौन लोग जिन्होंने दोनों की मदद अब उनकी भी तलाश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच के लिए एनआईए अधिकारी रांची भी जाएंगे।

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