Fire at Anandpur EM Bypass : आशियाना तो जला ही उच्च माध्यमिक का एडमिट तक नहीं बचा | Sanmarg

Fire at Anandpur EM Bypass : आशियाना तो जला ही उच्च माध्यमिक का एडमिट तक नहीं बचा

आनंदपुर की बस्ती में आग, 50 झोपड़ियां राख
कोलकाता : आनंदपुर थानांतर्गत फोर्टिस अस्पताल के निकट एक बस्ती में भयावह आग लग गयी। मौके पर पहुंचे दमकल के 4 इंजनों ने आग पर काबू पाया। आग में करीब 50 झोपड़ियां जलकर राख हो गयी। आग के कारण पूरा इलाका काला धुआं से भर गया। आग के कारण बस्ती में मौजूद कई रसोई गैस सिलिंडर में विस्फोट हुआ। आग की तीव्रता के मद्देनजर वहां पर रोबट और अत्याधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल कर आग को बुझाया गया। आनंदपुर की बस्ती में रहनेवाला एक दंपति रविवार की सुबह बाजार गए थे। वे लोग अच्छे मन से खरीदारी करना चाहते थे। उन्होंने यथासंभव खरीदारी भी की। वे लोग जब वापस घर लौटे तो देखा कि उनकी झोपड़ी आग में जलकर राख हो गयी। पूर बस्ती ने आग के बड़े गुब्बार का आकार ले रखा है। थोड़ी-बहुत बचत के पैसे भी जलकर राख हो गए। यह तस्वीर रविवार सुबह आनंदपुर झुग्गी बस्ती में आग लगने के बाद की है।
कैसे चलेगा परिवार, रहेंगे कहा ?
आनंदपुर के दंपत्ति अब यह सोच रहे हैं कि सोमवार से परिवार कैसे चलेगा, कहां रहेंगे? उन्होंने कहा, ‘मैं बाजार से लौटा और देखा कि घर में आग लगी हुई है’। एक उच्च माध्यमिक परीक्षा का परीक्षार्थी भी दंपति की तरह परेशानी में दिखा। सोमवार को हायर सेकेंडरी की इतिहास, गणित, मनोविज्ञान की परीक्षा थी। छात्र इतिहास की परीक्षा देने वाला था। वह सुबह घर में पढ़ रहा था। अचानक पूरी झोपड़ी आग की चपेट में आ गई। किसी तरह घर से बाहर भागी। लेकिन किताब व कॉपी वह बाहर नहीं लेकर निकल सका। आग में एडमिट कार्ड भी जलकर राख हो गया। छात्र फूट-फूटकर रो रहा था। छात्र का सवाल था, ‘मैं सोमवार की परीक्षा कैसे दे सकता हूं? किताबें, एडमिट कार्ड जल गए हैं’। बस्ती में कई होटल और चाय की दुकानें चलती थीं। झोपड़ी में सिलेंडर व चूल्हे रखे हुए थे। वे सभी सिलेंडर धू-धू कर विस्फोट होने लगे।

आग बुझाने के लिए लाया गया अत्याधुनिक रोबोट
पश्चिम बंगाल फायर सर्विसेस में उन्नतम यंत्रों में से एक है रोबोट। रविवार को आनंदपुर स्थित बस्ती में लगी भयावह आग को पहले कंट्रोल करने के लिए दमकल की 10 से अधिक इंजनों ने पूरी मशक्कत की। बाद में रोबोट को दमकल विभाग ने उतारा। दरअसल, हवा की गति काफी तेज थी, इसलिए आग तेजी से फैलती जा रही थी। लोगों का कहना था कि गैस सिलेंडर में विस्फोट जैसी आवाज आ रही है। इसके बाद दमकल विभाग कोई भी और जोखिम नहीं लेेते हुए रोबोट को उतारा।

क्यों उतारा जाता है रोबोट को

जैसा कि रोबोट को कई मीटर की दूरी से कंट्रोल किया जाता है। यानी जहां दमकल कर्मियों को उतारना जोखिम भरा होता है वहां रोबोट को उतारा जाता है। जहां आग में ब्लास्ट होने की संभावना होती है वहां इसे उतारा जाता है। यह रोबोट उबड़ खाबड़ जगहों पर भी चढ़ सकता है। जहां अमूमन दमकल की गाड़ियों को पहुंचना मुश्किल होता है। यह मल्टिपरपज है। अग्निशमन बेड़े में शामिल रोबोट तंग गलियों से लेकर बस्तियों में आग बुझाने में काफी उपयोगी है। कई बार आग बुझाने में फायर फाइटर्स बुरी तरह झुलस जाते हैं, रोबोट खुद जोखिम उठायेगा। इसमें लगे सेंसर के जरिये फायर और धुएं की स्थिति के बारे में पूरा आंकलन किया जा सकता है। रिमोट से कंट्रोल रोबोट में कैमरा लगा होता है। वह आग की गतिविधियों पर नजर रखता है। ये अग्निशमन रोबोट 100 मीटर की दूरी से आग नियंत्रित करने में सक्षम है। फायर विभाग के पास उच्चतम लैडर है जिसकी ऊंचाई 70 फीट है। यह हाई राइज बिल्डिंग के लिए काम आता है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार बस्ती में रहनेवाले अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। इनमें से कई लोग बाजार में चाय या फास्ट फुड की दुकान चलाते हैं। रविवार की सुबह 11 बजे अचानक पूरा इलाका तेज विस्फोट की आवाज से कांप उठा। इसके बाद स्थानीय लोगों ने इलाके में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल के समीप की जमीन पर बने झोपड़ियों में भायवह आग की लपटें देखी। तेज हवा बहने के कारण चंद मिनटों के अंदर आग पूरे बस्ती में फैल गयी। आग के कारण पूरे ईएम बाइपास से संलग्न इलाका काला धुआं से भर गया। आग के दौरान एक-एक कर विस्फोट की आवाज सुनायी दी। स्थानीय लोगों के अनुसार रसोई गैस सिलिंडर में आग लगने से वहां विस्फोट हुआ है। आग की खबर पाकर मौके पर पहुंचे दमकल के 4 इंजनों ने आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने भी पहले पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। हालांकि आग झोपड़ी में कैसे लगी यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं आंख के सामने अपने आशियाने को राख होता देख दर्जनों लोगों को वहां पर रोते हुए देखा गया। आग में करीब 50 झोपड़ियां जलकर राख हो गयी। दिहाड़ी मजदूरी कर के परिवार चलाने वाले लोगों के ऊपर अब बड़ी परेशानी उनके नये आशियाने की है।

 

 

 

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