नई दिल्ली: धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि, माघ पूर्णिमा कहलाती है। इस दिन स्नान, दान और जप करना विशेष फलदायी माना जाता है। माघ पूर्णिमा को माघ मास का अंतिम दिन माना जाता है। इसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वालों को भगवान माधव की कृपा प्राप्त होती है। उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार 24 फरवरी, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा शुरू- 23 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से पूर्णिमा आरम्भ
माघ पूर्णिमा खत्म- 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त
उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक
माघ पूर्णिमा की पूजा विधि
कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किये जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध करने के साथ गरीब व्यक्तियों को दान देना बहुत शुभ माना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। अब व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान मधुसूदन की पूजा-अर्चना करें।
मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए। विशेष रूप से काला तिल दान में देना चाहिए। माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
माघ पूर्णिमा का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं। इसलिए इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।