नई दिल्ली: कतर में भारतीय कूटनीति को बड़ी सफलता मिली है। कतर में जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया है। नेवी के 8 पूर्व कर्मियों में से 7 अब भारत लौट आए हैं। ये सभी पूर्व नौसैनिक अब जासूसी के आरोपों से मुक्त हो चुके हैं। इसके पीछे भारत और कतर के बीच एक महत्वपूर्ण राजनयिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
कौन-कौन थे 8 पूर्व नौसैनिक ?
भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश हैं। रिपोर्ट के अनुसार इन सभी पूर्व नौसेना कर्मियों का नेवी में 20 साल तक का कार्यकाल था।
कतर दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार(12 फरवरी) को प्रधानमंत्री मोदी के कतर दौरे की आधिकारिक घोषणा की। विदेश मंत्री के मुताबिक 14-15 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी कतर दौरे पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह दूसरा कतर दौरा है।
किस तरह कतर में फंसे सभी नौसैनिक ?
अगस्त 2022: निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों को जासूसी के एक मामले में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।
अक्टूबर 2022: आठ भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर पनडुब्बी योजना में जासूसी करने का आरोप लगाया गया था।
मार्च 2023: 25 मार्च को इनके खिलाफ आरोप दायर किए गए और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया।
मई 2023: मई में अल-धारा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया और वहां काम करने वाले सभी लोग (मुख्य रूप से भारतीय) घर लौट आए।
अक्टूबर 2023: आठ भारतीयों को 26 अक्टूबर को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने फैसले को चौंकाने वाला बताया और मामले में कानूनी विकल्प खोजने की बात कही।
9 नवंबर 2023: मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की गई और कतर की एक उच्च अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली। हिरासत में लिए गए भारतीय पूर्व नौसैनिकों की लीगल टीम ने अपील दायक की।
16 नवंबर 2023: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले पर कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है। सरकार भारतीय नागरिकों को सभी कानूनी और दूतावास से जुड़ी सहायता देना जारी रखेगा।
23 नवंबर 2023: मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील स्वीकार की गई।
7 दिसंबर 2023 : कतर में भारतीय राजदूत ने सभी 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों से मुलाकात की।
27 दिसंबर 2023: कतर की अदालत ने मौत की सजा को कम कर दिया। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि सजा कितनी कम हुई। अपीलीय अदालत के फैसले को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया।
4 जनवरी 2024: सजा कम होने के एक हफ्ते बाद प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि विदेश मंत्रालय के पास कोर्ट का आदेश है, जो एक गोपनीय दस्तावेज है।
12 फरवरी: कतर में मौत की सजा पाए सभी नौसेना के पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई पर भारत ने आधिकारिक बयान जारी कर फैसले का स्वागत किया और कहा कि इनमें से 7 लोग भारत लौट आए हैं।