कोलकाता: बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी। इसके साथ ही महानगर के कुम्हारटोली में मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। कुम्हारटोली अपनी मूर्तिकला कौशल के लिए बहुत प्रसिद्ध है। सरस्वती पूजा के अंतिम चरण की तैयारियां जोड़ों पर है और यहां भरपूर रौनक देखने को मिल रही है। बाजारों में चहल पहल भी बढ़ती दिखाई दे रही है। सजावट और मूर्ती की दुकानों पर लोगों की बहुत भीड़ लगी हुई है। साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में भी मां के आगमन की तैयारियां जोड़ों पर है। सभी लोग विद्या की देवी के स्वागत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
’15 सालों से मूर्ति बनाने का कर रहे काम’
मूर्तिकार अमित दास ने सन्मार्ग से बातचीत में बताया कि वह प्रतिमा बनाने की तैयारियां करीब 6 महीने पहले ही कर देते हैं, तब जाकर मुर्तियों को सरस्वती पूजा तक पूर्ण रूप से तैयार कर पाते हैं। वह पिछले 15 सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं। लोग पूजा के 2 से 3 महीना पहले से ही बुकिंग करवा कर अपने अनुरूप बेहतर मूर्ति बनाने की सलाह भी देते हैं। वहीं सयोन चटर्जी ने कहा कि वह कृष्णनगर के कलाकारों द्वारा मुर्तियां बनवाते हैं। वह गंगा की सुद्ध मिट्टी का प्रयोग भी मूर्तियां बनवाने के लिए करते हैं। साथ ही समीर पॉल ने बताया कि वह करीब 50 सालों से मूर्तियां बनाकर अपने हाथों से उसपर कलाकारी करते हैं। उन्होंने कहा कि वह कई महीनों पहले से मुर्ति बनाने की तैयारियों में लग जाते हैं। उनके पास बारह सौ रुपए से लेकर ढाई हजार रु. तक की मूर्ति का निर्माण किया जाता है। वहीं महिला दुकानदार पुष्पा ने बताया कि वह 20 सालों से मूर्तियों का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले के मुताबिक बिक्री बढ़ गई है और यह भी बताया कि छोटी मूर्तियों की डिमांड बड़ी मूर्तियों से ज्यादा है। दिन प्रतिदिन लोगों में उत्साह व आस्था बढ़ता जा रहा है।
रिपोर्ट- प्रगति सिन्हा