कोलकाता : राज्य के बजट में शिक्षा क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं की गयी हैं। अब 12वीं नहीं, इस बार माध्यमिक के बाद ही मिलेंगे छात्रों को मोबाइल और टैबलेट। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मदरसों के विकास के लिए बड़ी रकम भी आवंटित की। कोरोना काल में आधुनिक शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार ने राज्य के ‘तरुणेर स्वप्न’ प्रोजेक्ट के तहत हर हायर सेकेंडरी परीक्षार्थी को टैब या स्मार्टफोन देने का फैसला किया था, क्योंकि कोरोना काल में शिक्षण संस्थान बंद थे, इसलिए ज्यादातर मामलों में ऑनलाइन पढ़ाई ही चल रही थी। इस बीच हर किसी के लिए स्मार्टफोन खरीदना संभव नहीं है। इसीलिए छात्रों की सुविधा के लिए यह योजना शुरू की गई है, जिसके माध्यम से पैसा सीधे छात्र के खाते में भेजा जाता है। हालाँकि, अब से आपको 12वीं नहीं बल्कि माध्यमिक के बाद ही टैबलेट या स्मार्टफोन मिलेगा।यानी 11वीं कक्षा में पहुंचने के बाद छात्र के खाते में ऑनलाइन शिक्षा के लिए पैसा चला जाएगा।
राज्य ने की 900 करोड़ की घोषणा
राज्य ने इसके लिए 900 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है। यह अंत नहीं है राज्य के बजट में मदरसों के लिए भी बड़ी घोषणाएं हुई हैं। इसमें कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक शिक्षा समेत आधुनिक पाठ्यक्रम विकसित कर मदरसों को चरण दर चरण उन्नत किया जायेगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इसके अलावा मिड डे मील के रसोइयों और सहायकों के वेतन में 500 रुपये की बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। राज्य के बजट के अनुसार, रसोइयों और सहायकों को 10 महीने तक प्रति माह 1000 रुपये मिलते थे। अब से 2 लाख 30 हजार लोगों को अतिरिक्त 500 रुपये प्रति माह दिया जाएगा, जिसके लिए 140 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।