कोलकाता: बीते कई दिनों से बंगाल में लहसुन की कीमतें आग उगल रही है। सब्जियों के दामों में उतार-चढ़ाव तो लगा ही रहता है लेकिन लहसुन की कीमतें बाजार में लोगों की जेब ढीली कर रही है। इसकी बढ़े दामों ने आम लोगों को निराश कर दिया है। आपको बताते हैं कि अचानक कैसे इतनी बढ़ गई लहसुन की कीमतें।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इसके पीछे मुख्य कारण समग्र जलवायु परिवर्तन है। इसके अलावा, बीते साल के मॉनसून में हुए बदलाव और सीज़न के अंत में बारिश की अधिकता ने लहसुन की खेती पर प्रभाव डाला है। इसका असर लहसुन की कीमत पर भी पड़ा है।
दूसरे राज्यों पर निर्भरता है प्रमुख वजह
पश्चिम बंगाल में लहसुन की खेती बहुत कम होती है। दूसरे राज्यों पर निर्भरता के कारण लहसुन की कीमत हमेशा ऊंची बनी रहती है। तीन राज्य – मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक मात्रा में लहसुन उगाते हैं। लहसुन की खेती कुछ अन्य राज्यों में भी की जाती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, लहसुन साल में दो बार उगता है – ख़रीफ़ और रबी सीज़न में। इनमें से खरीफ या मॉनसून के समय लहसुन की खेती महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात के साथ-साथ छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान में भी की जाती है। वहीं, सर्दी के मौसम में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के साथ-साथ बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में रबी सीजन के समय लहसुन की फसलें उगाई जाती है।
क्या आने वाले दिनों में घटेंगे लहसुन के दाम?
बता दें कि बंगाल में जितनी मात्रा में लहसुन की खेती होती है, उतनी ज्यादा नहीं है। लेकिन इस बार जितनी मात्रा में खेती हुई है, वह इसी महीने फरवरी में बाजार में आ जायेगी। जिसके बाद लहसुन की कीमत पर कुछ हद तक लगाम लग सकती है। ऐसे समय में खरीदारों को फायदा होने की उम्मीद है।