कोलकाता : हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है। बात करें रविवार के दिन की तो इस दिन भगवान सूर्य की पूजा-उपासना की जाती है और व्रत रखे जाते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य देव की पूजा और व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं को नियमित रूप से सभी लोगों को साक्षात दर्शन देते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति रविवार के दिन व्रत रखता है उसे भगवान भास्कर की कृपा से निरोगी काया प्राप्त होती है, जीवन में शांति व खुशहाली आती है और समाज में उसका मान-सम्मान व यश भी बढ़ता है। हिंदू धर्म के साथ ही ज्योतिष में भी सूर्य को महत्वपूर्ण माना गया है। सूर्य को सभी नवग्रहों का राजा कहा गया है। सूर्य की महत्ता इस बात से ही समझी जा सकती है कि, सूर्य के प्रकाश से ही पृथ्वी पर जीवन संभंव है। इसलिए रविवार के दिन सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा करें और साथ ही कुछ नियमों का पालन जरूर करें।
सूर्य देव पूजा विधि
रविवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और साफ कपड़े पहन लें। इस दिन काले और गहरे रंग के कपड़े न पहनें। इसके बाद एक लोटे में शुद्ध व साफ जल लेकर उसमें रोली, लाला फूल, अक्षत, शक्कर, चंदन आदि मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और रविवार व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद पूजा के लिए एक चौकी तैयार कर लीजिए। चौकी में लाल रंग का कपड़ा रखकर सूर्य देव की तस्वीर स्थापित करें। भगवान को रोली, अक्षत, सुपारी, फूल आदि चढ़ाएं.। फल व मिष्ठान का भोग लगाएं और फिर धूप दिखाएं। अब रविवार की व्रत कथा पढ़े या सुने। अंत में सूर्य देव की आरती जरूर करें।
रविवार के नियम
रविवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। रविवार के दिन नमक का त्याग करें। इस दिन मांस-मदिरा से दूर रहें। रविवार के दिन बाल-दाढ़ी न कटवाएं। इस दिन बदन में तेल मालिश भी नहीं करनी चाहिए, आज के दिन तांबा धातु से जुड़ी चीजों की खरीद-बिक्री न करें। दूध को जलाने से संबंधित जैसे (घी निकालना आदि) काम न करें। आज के दिन ग्रे, काला, नीला और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।