नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में लगातार बढ़ोतरी कर रही है।गुरुवार(23 नवंबर) को रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई 30 एमकेआई (Su-30MKI) लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से टेंडर भी जारी कर दिया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 10000 करोड़ रुपए में यह टेंडर जारी किया गया है।
इन सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों का निर्माण HAL द्वारा रूसी मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी में भारत में ही किया जाएगा। पिछले 20 सालों में हुए दुर्घटनाओं में 12 सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान हादसे का शिकार होने के बाद नष्ट हुए थे। नए विमान आ जाने से वायुसेना की ये कमी भी पूरी हो जाएगी।
भारतीय वायु सेना 84 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड भी करने जा रही है। सुखोई-30 एमकेआई वायु सेना के पास सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान हैं। भारतीय वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के लगभग 32 स्क्वाड्रन हैं। बताया जा रहा है कि ये चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौती को देखते हुए पर्याप्त नहीं है। हमारे दोनों पड़ोसी मुल्क हर लम्हा भारत को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं।
मिग-21 लड़ाकू विमान 2025 तक होंगे रिटायर
बता दें कि 2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमानों की उड़ानों पर पूरी तरह रोक लगाने की भी योजना है। इसे देखते हुए सरकार और वायु सेना अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही हैं। मिग-21 के स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क 1ए बदला जाएगावायु सेना ने पहले ही 83 एलसीए मार्क 1ए के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। अब 97 अतिरिक्त विमानों के साथ उस अनुबंध को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इससे वायु सेना में कुल 180 एलसीए मार्क 1ए हो जाएंगे। 2025 तक मिग-21 के स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क 1ए से बदल दिया जाएगा।