सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कई दिनों से हो रही बारिश ने आंखों को परेशानी में डालने वाला वायरस सक्रिय कर दिया है। इसके चलते आंखों में कंजेक्टिवाइटिस के मामले बढ़ गए हैं। पिछले एक सप्ताह में महानगर में कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन से ग्रसित रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चिकित्सकों ने इसका कारण बरसात की नमी के चलते वायरस- बैक्टीरिया का सक्रिय हो जाना बताया है। इसकी वजह से आंखों में इस समस्या से पीड़ितों की संख्या एकाएक तेजी से बढ़ गई है। कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. भाष्कर रॉयचौधरी ने बताया कि एलर्जिक कंजेक्टिवाइटिस के तौर पर पहचाने जाने वाले आंखों के संक्रमण की यह बीमारी अमूमन, बारिश का प्रकोप ज्यादा होने पर बढ़ जाती है। पिछले एक सप्ताह से इस समस्या से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। आंख लाल होना, दर्द, आंखें चिपकना, कीचड़ आना इसके मुख्य लक्षण हैं। जुलाई से सितंबर महीने के दौरान कंजेक्टिवाइटिस के मामले ज्यादा सामने आते हैं। शहरी इलाकों में कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन तेजी से बढ़ता है। उन्होंने कहा कि कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के लिए हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपोलो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के असीम कुमार कन्दार ने बताया कि इस समय अस्पतालों में कंजेक्टिवाइटिस के मरीज बढ़ गए हैं। रोजाना औसतन 25 से 30 प्रतिशत मरीज इस रोग से ग्रसित अस्पताल में आ रहे हैं। इसके अधिकतर मामले एडिनोवायरस के कारण होते हैं। वायरल कंजेक्टिवाइटिस अक्सर एक आंख में होता है, कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता है। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिसचार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने के द्वारा यह फैल सकता है। संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है।
रिस्क फैक्टर्स
किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आना जिसे वायरल या बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस है।
किसी ऐसी चीज के संपर्क में आने जिससे आपको एलर्जी है।
स्विमिंग पूल के पानी में मौजूद क्लोरीन के संपर्क में आना।
संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?
अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।
जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स आदि को किसी से साझा न करें।
अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।
किस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें?
आंखों में तेज दर्द होना।
आंखों में तेज चुभन महसूस होना।
नजर धुंधली हो जाना।
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।
आंखें अत्यधिक लाल हो जाना।
उपचार
कंजेक्टिवाइटिस कई कारणों से होता है, उपचार इसके कारणों पर ही निर्भर करता है।
ज्यादातर मामलों में रसायनों के एक्सपोजर से होने वाला कंजेक्टिवाइटिस 1-2 दिन में अपने आप ही ठीक हो जाता है।
अन्य कारणों से होने वाले कंजेक्टिवाइटिस के लिए उपचार के विशेष विकल्प उपलब्ध हैं।
Kolkata में तेजी से बढ़ रहा Conjunctivitis Infection
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