कोलकाता : हिंदू धर्म में पांच देवताओं की पूजा बहुत ज्यादा जरूरी मानी गई है, जिसमें सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश जी, सभी संकटों को हरने वाली देवी दुर्गा, कल्याण के देवता भगवान शिव, पूरे जगत के स्वामी भगवान विष्णु और प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले सूर्य देवता शामिल हैं। सूर्य देव की पूजा के दिन रविवार का दिन सुनिश्चित है। गौरतलब है कि रविवार का नाम भी भगवान सूर्य के नाम पर ही रखा गया है। आइए रविवार के दिन की जाने वाली पूजा से जुड़े उन सात सरल ज्योतिष उपायों के बारे में जानते हैं, जिन्हें करते ही सूर्यदेव की कृपा बरसने लगती है।
क्या करें?
- यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर होकर अशुभ फल दे रहे हैं तो आप सबसे पहले प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठना प्रारंभ कर कर दें और स्नान–ध्यान करने के बाद उगते हुए सूर्य देवता का दर्शन और अर्घ्य देकर विधि–विधान पूजन करें।
- यदि आप किसी कारण से प्रात:काल जल्दी नहीं उठ पाते हैं तो आप प्रतिदिन सूर्यदेव को तांबे के लोटे में शुद्ध जल, रोली और अक्षत डालकर अर्घ्य दें।
- यदि आपके जीवन में ज्ञात–अज्ञात शत्रुओं का खतरा बना रहता है या फिर आपका कोई रोग आपकी पीड़ा का बड़ा कारण बन रहा हो तो शुत्रओं पर विजय और जीवन में सफलता और आरोग्य दिलाने वाला आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करें।
- मान्यता है कि आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी रोग, शत्रु, भय आदि दूर हो जाता है।
- सूर्य देवता की कृपा पाने के लिए किए जाने वाले तमाम तरह के उपायों में रविवार का व्रत एक उत्तम उपाय है। ऐसे में कुंडली में सूर्य को मजबूत बनाने और उनकी कृपा पाने के लिए विधि–विधान से रविवार का व्रत करें और इस दिन नमक का सेवन न करें।
- हालांकि यह नियम बीमार उन लोगों के लिए नहीं लागू होता है, जिन्हें किसी बीमारी के चलते इसका सेवन करना जरूरी होता है।
- हिंदू धर्म में किसी भी देवता या ग्रह की कृपा पाने के लिए मंत्र जप एक अचूक उपाय है। ऐसे में यदि आपको सूर्यदेव की कृपा पानी है तो न सिर्फ रविवार बल्कि प्रतिदिन प्रात:काल सूर्यदेव के ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ मंत्र का जप जरूर करें।
- सूर्य देव की पूजा एवं मंत्र जप की तरह दान भी एक प्रभावी उपाय है। ऐसे में सूर्यदेव से जुड़े दोष को दूर करने और उनकी कृपा पाने के लिए रविवार के दिन गुड़, गेहूं, मसूर दाल, तांबे आदि का दान करें।
- सूर्यदेव की साधना करने वाले व्यक्ति को उनकी पूजा करने के साथ भगवान श्री राम की पूजन अवश्य करना चाहिए। गौरतलब है कि भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे. इस उपाय को करने पर साधक की कामना शीघ्र ही पूरी होती है।
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