सोमवार को अदालत के बाहर पार्थ ने कहा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने एक बार फिर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। सोमवार को अदालत परिसर में पूर्व मंत्री ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में मंत्री की कोई भूमिका नहीं थी। नियुक्ति कर्ता मंत्री नहीं थे। पूरी प्रक्रिया का दायित्व बोर्ड के हाथों में था। सोमवार को जांच की गति को लेकर भी पार्थ ने क्षोभ प्रकट किया। सोमवार की सुबह पार्थ चटर्जी को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया था। भ्रष्टाचार के बारे में पूछे जाने पर पार्थ चटर्जी ने फिर दावा किया कि वह निर्दोष हैं। पार्थ ने कहा, “मंत्री कभी नियोक्ता नहीं होता। नियुक्ति की जिम्मेदारी बोर्ड की है। बोर्ड सब कुछ नियंत्रित करता है। मैंने कुछ नहीं किया।” इस दिन पार्थ से जांच प्रक्रिया के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि एक साल हो गया, कुछ नहीं हुआ।
अभिषेक को दीं शुभकामनाएं
सोमवार को अदालत से बाहर निकलते वक्त पार्थ चटर्जी ने अभिषेक बनर्जी को शुभकामनाएं भी दीं। अदालत के बाहर जब मीडिया ने पार्थ से अभिषेक बनर्जी के नए कैंपेन को लेकर सवाल किया तो इसके जवाब में उन्होंने अभिषेक को शुभकामना देते हुए उनके सफल होने की कामना की।
SSC Scam : नियुक्ति अधिकार मंत्री के पास नहीं बल्कि बोर्ड के पास
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