शीत ऋतु का अमृत फल है गाजर | Sanmarg

शीत ऋतु का अमृत फल है गाजर

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कोलकाता : व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने दैनिक आहार में फलों का प्रयोग करना आवश्यक है। आमतौर पर व्यक्ति फलों का उपयोग इस लिए नहीं करता है कि वह समझता है कि ये अत्यन्त महंगे होते हैं। यह धारणा पूर्ण रूप से सत्य नहीं है क्योंकि बहुत से ऐसे फल हैं जो बहुत सस्ते और आसानी से हर जगह उपलब्ध होने वाले होते हैं। उनमें उतने ही गुण मिलते हैं जितने महंगे दामों वाले फलों में होते हैं।

प्रकृति की यह अद्भुत व्यवस्था है कि वह प्रत्येक मौसम में ऐसे फल पैदा करती है जिसका सेवन उस ऋतु में करना शरीर और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होता हैं। ऐसा ही शीत ऋतु में पाया जाने वाला एक फल है गाजर।

गाजर जमीन में उगाया जाने वाला फल है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि जमीन में 16 प्रकार के पाए जाने वाले लवणों में से अकेले गाजर में केवल 12 लवण पाए जाते हैं। गाजर में विटामिन ‘ए’ अधिक मात्रा में पाया जाता है। गाजर आंखों के रोग, दांतों के रोग, चर्म रोग, त्वचा के रोग, पीलिया, पेट के रोग तािा गठिया आदि अनेक रोगों में लाभदायक हैं ताजा रस रोगी को देने से काफी लाभ मिलता है। इसका रस हमारे शरीर में आसानी से पच जाता है।

गाजर को हमेशा साफ पानी से धोकर छिलका सहित कच्चा खाना चाहिए। सम्भव हो सके तो गाजर का रस निकालकर लेना चाहिए क्योंकि इसमें गाजर के पूरे तत्व मिल जाते हैं :-

● प्रति 100 ग्राम गाजर में लगभग 49 कैलरी ऊर्जा पाई जाती है।

● गाजर में संतुलित भोजन के पूर्ण तत्व पाए जाते हैं।

● गाजर का रस पीने से वीर्य गाढ़ा होता हैं।

● गाजर फेफड़ों के रोगों व कब्ज आदि में लाभदायक होता है।

● गर्भवती स्त्री को गाजर खिलाने से बच्चा खूबसूरत व स्वस्थ पैदा होता है।

● स्त्रियों की रुकी हुई माहवारी में गाजर का बीज गर्म पानी से देने से लाभ मिलता है।

● गाजर सस्ता व सर्वत्र आसानी से सुलभ होने फल वाला है।

● गाजर का रस पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

● गाजर का रस हृदय की कार्य-प्रणाली को तेजी के साथ बढ़ाता है।

● गाजर के रस को शहद के साथ मिलाकर लेने से यौन संबंधी शिकायतें दूर होती हैं एवं पौरुष शक्ति बढ़ती है। इसको अधिक से अधिक खाकर लाभ प्राप्त करना चाहिए।

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