अयोध्या: इस वर्ष की दीवाली अयोध्या नगरी के लिए विशेष है, क्योंकि भव्य राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली बार मनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दीपोत्सव का शुभारंभ करते हुए पहला दीया जलाया और प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण बने कलाकारों को पुष्पक विमान में लेकर पहुंचे।
इस बार सरयू नदी के तट पर 25 लाख दीये जलाए जाएंगे, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान योगी ने रामकथा पार्क में रथ खींचा और श्रद्धालुओं ने “जय श्रीराम” के नारे लगाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम-सीता और लक्ष्मण की आरती उतारी और राम मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा, “यह दीवाली ऐतिहासिक है, क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीरामलला अपने धाम में विराजमान हुए हैं।”
अयोध्या के दीपोत्सव की खास बातें:
- रामकथा पर आधारित झांकियां: 11 रथों पर रामकथा के प्रसंगों की झांकियां सजाई गई हैं।
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: 16 राज्यों के 1200 कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
- लोक कलाकारों की प्रस्तुति: 84 कोस के 200 मंदिरों में दीपोत्सव का आयोजन किया गया।
- प्रकाश सजावट: प्रकाश मार्ग से अयोध्या धाम तक शोभायमान रहा।
- लेज़र और लाइटिंग शो: इस दौरान लेज़र शो और लाइटिंग शो का भी आयोजन किया गया।
योगी ने अयोध्या वासियों से आह्वान किया कि यह दीप केवल दीप नहीं हैं, बल्कि सनातन धर्म का विश्वास हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या को मथुरा और काशी के समान दिखना चाहिए।
इस दिवाली का उत्सव अयोध्या में एक नई आशा और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है, जो सभी के लिए सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए!