Kolkata Metro: कोलकाता ने दी बेंगलुरु मेट्रो को बड़ी सौगात….बिना ड्राइवर के अब चलेगी मेट्रो | Sanmarg

Kolkata Metro: कोलकाता ने दी बेंगलुरु मेट्रो को बड़ी सौगात….बिना ड्राइवर के अब चलेगी मेट्रो

कोलकाता : बेंगलुरू मेट्रो की येलो लाइन के लिए कोलकाता से ड्राइवरलेस रेक सप्लाई की जायेगी। इसके तहत रोलिंग स्टॉक के अग्रणी भारतीय निर्माता टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) ने बेंगलुरू मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) के फेज 2 येलो लाइन प्रोजेक्ट के लिए ड्राइवरलेस ट्रेनसेट का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह विकास भारत के शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे में टीटागढ़ के योगदान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। दिसंबर 2019 में बीएमआरसीएल और चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक कॉरपोरेशन (सीआरआरसी) के बीच अनुबंध हुआ है। सीआरआरसी ने टीटागढ़ रेल सिस्टम्स के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत टीआरएसएल बेंगलुरु येलो लाइन परियोजना के लिए आवश्यक अधिकांश ट्रेनसेट का निर्माण उत्तरपाड़ा स्थित अपने कारखाने में करेगी।

टीटागढ़ को येलो लाइन परियोजना के लिए आवश्यक 36 ट्रेनसेट में से 34 का उत्पादन करने का काम सौंपा गया है, केवल दो ट्रेनसेट (12 कोचों वाले) का निर्माण चीन में किया जा रहा है। इन 34 ट्रेनसेट की आपूर्ति में प्रत्येक ट्रेनसेट में 6 कारें होंगी। उत्पादन 18 मई 2024 को शुरू हुआ और पहला ट्रेनसेट दिसम्बर 2024 में डिलीवरी के लिए निर्धारित है। येलो लाइन, आरवी रोड से बोम्मासंद्रा तक 21 किलोमीटर तक फैली हुई एक महत्वपूर्ण मेट्रो कॉरिडोर है जिसे बेंगलुरु में कनेक्टिविटी बढ़ाने और यातायात की भीड़ को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है। टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन के लिए ट्रेनसेट उत्पादन की शुरुआत भारत में शहरी पारगमन बुनियादी ढांचे के विस्तार में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है।

 

ड्राइवरलेस ट्रेन की विशेषताएं

ड्राइवरलेस ट्रेन में कॉम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम इंस्टॉल होगा। इसका मुख्य लक्ष्य 2.5 मिनट की दूरी को मात्र 90 सेकेंड में पूरा किया जा सके। यह ट्रेन बिना ड्राइवर के ऑपरेट की जायेगी। वहीं सिक्योरिटी के लिए लोको पायलट अप्वाइंट होंगे। ट्रेनसेट ऑनबोर्ड पर एक स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) प्रणाली से सुसज्जित होगा। ट्रेन ग्रेड (डीटीजी) संचालन के लिए, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के लिए हेड-टेल सिद्धांत द्वारा सुनिश्चित किया जाता है, प्रत्येक ड्राइविंग मोटर कार (डीएमसी) में स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) का समर्थन करने के लिए एक स्वतंत्र एटीसी प्रणाली होती है और एटीपी कार्यक्षमताएँ होंगी। प्रपोलुसन सिस्टम एक मजबूत, स्व-हवादार डिजाइन और स्लिप/स्लाइड नियंत्रण के साथ तीन-चरण एसी एसिंक्रोनस मोटर्स द्वारा संचालित होती है। इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (आईजीबीटी) का उपयोग करने वाले ट्रैक्शन इनवर्टर तीसरी रेल से एकत्रित डीसी पावर को वैरिएबल वोल्टेज वैरिएबल फ्रीक्वेंसी (वीवीवीएफ) पावर में परिवर्तित करते हैं, जिसका उपयोग ट्रैक्शन मोटर्स को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। कोचों का निर्माण स्टेनलेस स्टील से किया गया है साथ ही बड़ी खिड़कियां हैं। ट्रेनों को ऊर्जा-कुशल, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें सिक्योरिटी के लिए सीसीटीवी होंगे।

Visited 3,872 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
1
1

Leave a Reply

ऊपर