कोलकाता : उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का असर महानगर के लोगों ने गुरुवार सुबह से ही महसूस किया। ऐसे में फुटपाथों पर रहने वाले लोग सुरक्षित आशियाने की तलाश करते दिखे। इनमें से अधिकतर ने दुर्गा पूजा पंडालों को ही तत्काल अपना आशियाना बना लिया। हालांकि दाना तूफान को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार थी। चक्रवात की वजह से पूरा महानगर अलर्ट पर था। प्रशासन द्वारा जगह-जगह लोगों को अपने घरों में रहने के लिए लगातार सचेत किया जा रहा था।
गरीब वर्ग के लोगों पर ऐसे मौसम की मार पड़ती है सबसे अधिक : इस तरह के मौसम का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ता है। फुटपाथ पर अस्थयी रूप से इधर-उधर रहने वाले लोगों को ऐसे मौसम में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करता पड़ता है। जो लोग अपना घर-संसार सड़कों के किनारे बसाए रहते हैं, उन लोगों को हर मौसम की मार झेलनी पड़ती है। चक्रवाती बारिश के समय जहां लोग घरों में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे थे, वहीं फुटपाथ पर घर बसाए लोगों को तूफान का सामना करना पड़ रहा था। बारिश के दौरान छोटे-छोटे बच्चे खुद को प्लास्टिक शीट से ढक कर बचने का प्रयास कर रहे थे। वहीं कुछ लोग दुकानों के सामने बने शेड का सहारा लेते हुए दिखे।
सड़कों पर रात गुजारने वाले लोगों की उड़ गई थी नींद : जो लोग सड़कों पर सो कर रात गुजारते हैं, बारिश और तेज हवा से उन लोगों के लिए रात गुजारनी मुश्किल हो गयी। वह लोग सड़क के किनारे अपने राशन के सामान के साथ अन्य सामानों को प्लास्टिक शीट के अंदर रख कर बचाने की कोशिश करते नजर आए। कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होने के कारण कई लोगों को बारिश में भीगने के लिए मजबूर होना पड़ा।
क्या कहा फुटपाथ पर रहने वाले लोगों ने : सालों से फुटपाथ को ही अपना घर बनाकर रहने वाले व्यक्ति मंगल ने कहा कि बारिश के दौरान बच्चों को वैन में तिरपाल लगाकर सुलाते हैं और उन लोगों को खुद पूरी रात जाग कर बिताना पड़ता है। ऐसे ही एक अन्य महिला ने कहा कि वे लोग दुर्गा पूजा के लिए बने ढांचे के अंदर शरण लिए हुए हैं, अगर ये नहीं होता तो भीगने के लिए मजबूर होना पड़ता।