अष्टलक्ष्मी : लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे श्रेष्ठ हैं ये 8 दिन | Sanmarg

अष्टलक्ष्मी : लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे श्रेष्ठ हैं ये 8 दिन

Ashtalakshmi

नई दिल्ली: अष्टलक्ष्मी पूजा  देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों की आराधना का खास अवसर है, जो समृद्धि, धन, स्वास्थ्य और खुशहाली का प्रतीक मानी जाती हैं। इनमें शामिल हैं: साम्राज्य लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, भोग लक्ष्मी, ज्ञान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, और श्रेय लक्ष्मी। यह पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जहां हम देवी लक्ष्मी के इन आठ रूपों को सम्मानित करते हैं। अष्टलक्ष्मी पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों की आराधना के लिए किया जाता है। यहाँ अष्टलक्ष्मी पूजा की विधि विस्तार से दी गई है

पूजा की सामग्री

  • पूजा सामग्री:
    • देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र
    • लाल, पीले और सफेद फूल
    • फल (केला, सेब, नारियल)
    • मिठाइयाँ (लड्डू, बर्फी)
    • दूध, दही, घी, शहद
    • चावल, साबुत धनिया, हल्दी
    • दीयों और अगरबत्तियाँ

2. पवित्रता और स्थान तैयार करें

  • पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और वहां एक चौकी या पटिया रखें।
  • चौकी पर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

3. दीप जलाएं और अगरबत्ती लगाएं

  • पूजा स्थल पर एक दीपक जलाएं और अगरबत्तियाँ लगाएं।

4. नवग्रह पूजन

  • नवग्रह का पूजन करें। इसके बाद देवी लक्ष्मी की पूजा प्रारंभ करें।

5. अष्टलक्ष्मी का स्मरण

  • अष्टलक्ष्मी के आठ स्वरूप
    • संपत्ति लक्ष्मी (धन और समृद्धि)
    • धन लक्ष्मी (धन का भंडार)
    • ज्ञान लक्ष्मी (ज्ञान और बुद्धि)
    • भोग लक्ष्मी (सुख और भोग)
    • वीर लक्ष्मी (साहस और बल)
    • ऐश्वर्य लक्ष्मी (वैभव और ऐश्वर्य)
    • विजय लक्ष्मी (विजय और सफलता)
    • श्रेय लक्ष्मी (सच्चे सुख और शांति)

6. अर्पण करें

  • सभी सामग्री को देवी को अर्पित करें और उनके चरणों में रखें।

7. मंत्र और स्तोत्र का पाठ

  • देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें, जैसे:
    • “ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।”
  • अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।

8. आरती

  • पूजा के अंत में देवी की आरती करें।
  • आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।

9. प्रार्थना और भोग लगाएं

  • देवी लक्ष्मी से धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
  • अर्पित भोग का प्रसाद सभी भक्तों में वितरित करें।

अष्टलक्ष्मी पूजा का आयोजन परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर करें। इस पूजा से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। सभी भक्तों को इस पावन अवसर पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो

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