आज ही करें ये Mahaupay जिसे करते ही महादेव से मिलेगा … | Sanmarg

आज ही करें ये Mahaupay जिसे करते ही महादेव से मिलेगा …

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कोलकाता : हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी या देवता की पूजा के लिए समर्पित है। सोमवार का दिन कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है। मान्यता है कि सोमवार के दिन विधि-विधान से शिव पूजन करने पर भोले के भक्त का हर कष्ट दूर और मनोकामना पूरी होती है। महादेव की कृपा से उसके पास किसी भी प्रकार का दु:ख और दुर्भाग्य स्वप्न में भी नहीं फटकता है। सोमवार के दिन जिस पूजा को करने से शिव साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है, आइए उसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

आर्थिक दिक्कतों को दूर करने का उपाय
यदि धन की देवी मां लक्ष्मी आपसे रूठकर चली गई हैं और हर समय आर्थिक तंगी के चलते परेशान रहते हैं तो आज सोमवार के दिन शिव पूजा का सरल उपाय जरूर करें। मान्यता है कि जो शिव भक्त सोमवार के दिन स्फटिक से बने शिवलिंग की सफेद चंदन से पूजा करता है, उसके पास महादेव की कृपा से हमेशा धन-धान्य भरा रहता है।
शिव पूजा से दूर होगा चंद्र दोष
यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा आपके कष्ट का कारण बन रहा है तो उसे दूर करने के लिए आपको सोमवार के दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव जिन्होंने चंद्रमा को अपने मस्तक पर सुशोभित कर रखा है, उनकी पूजा करने पर चंद्र दोष संबंधी सभी पीड़ाएं दूर होती हैं।
शिव पूजा से दूर होंगे शनि दोष
भगवान शिव की पूजा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिष की दृष्टि से भी बहुत ज्यादा शुभ और फलदायी मानी गई है। ज्योतिष के अनुसार यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है और उसके चलते आपको बहुत ज्यादा परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है तो आपको उनसे निजात पाने के लिए आज सोमवार के दिन विधि-विधान से शिव की पूजा करते हुए शिवलिंग पर विशेष रूप से शमी पत्र चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर शमी पत्र को चढ़ाने से पहले उसकी पीछे की तरफ का डंठल का भाग तोड़ दें और उसकी पत्ती को बेलपत्र की तरह उलट कर ही चढ़ाएं।
शिव पूजा का महाउपाय
यदि आप चाहते हैं कि आपकी मनोकामना जल्द से जल्द पूरी हो तो आज सोमवार के दिन शिव पूजा में उनकी प्रिय चीजों गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, बेल, पान, सुपाड़ी, इलायची, लौंग, आदि के साथ कुछ दक्षिणा जरूर चढ़ाएं और उनके पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय मंत्र का अधिक से अधिक जप करें।
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